बोकारो: रूस के हमले के बाद यूक्रेन में फंसे बोकारो थर्मल इलाके की रहने वाली साक्षी समेत 250 छात्रों का एक दल सड़क मार्ग से हंगरी के लिए रवाना किया गया है. सभी छात्र यूक्रेन के उजहोरोड से सड़क मार्ग से हंगरी के जोहानी बॉर्डर के लिए रवाना हुए हैं. जोहानी बॉर्डर से सभी को बुडापेस्ट लाया जाएगा फिर वहां से सभी को हवाई मार्ग से मुंबई लाया जाएगा.
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एमबीबीएस की छात्रा है साक्षी सिंह:साक्षी सिंह बोकारो थर्मल वैशाखी काॅलोनी निवासी कृष्ण मोहन सिंह एवं सुनीता सिंह की पुत्री है. जो यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गई हुई थी. साक्षी ने अपने माता पिता को फोन पर बताया था कि वे लोग जहां रह रहे थे. वहां युद्ध की वजह से खाने पीने की समस्या हो गई थी. युद्ध के बाद से ही सभी छात्रों को बंकर में रखा गया था. छात्रा ने कहा कि बुडापेस्ट से सभी को एयर इंडिया की फ्लाइट से मुंबई ले जाया जाएगा.
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खबर मिलने के बाद परिजन चिंतिंत:साक्षी की मां सुनीता सिंह अपनी पुत्री को रिसीव करने के लिए दिल्ली शुक्रवार को ही रवाना हो गयी हैं. यूक्रेन पर हमले के बाद से ही साक्षी के परिवार वाले काफी चिंतिंत थे. साक्षी के पिता एवं दादी ने कहा कि भारत सरकार,राज्य सरकार एवं मीडिया के प्रयास से ही यूक्रेन में फंसे छात्र और छात्राओं को स्वदेश लाने का सकुशल प्रयास आरंभ किया गया.
यूक्रेन में फंसे झारखंड के लोग:झारखंड सरकार को राज्यभर के विभिन्न जिलों के 86 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिली है. कंट्रोल रूम में मिली जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा रांची के 23 लोग यूक्रेन में फंसे हैं. जिला स्तर पर जारी आंकड़ा के अनुसार बोकारो के 3, देवघर के एक, पूर्वी सिंहभूम के 10, गढ़वा के 3, गोड्डा के 7, हजारीबाग के 11, खूंटी के एक, लातेहार के 2, पलामू के 2, रामगढ़ के 2, रांची के 25, साहिबगंज के 11, पश्चिम सिंहभूम के एक और अन्य चार शामिल हैं. इन लोगों के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने स्तर से कोशिश करना शुरू कर दिया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा है कि यूक्रेन में फंसे लोगों को झारखंड सरकार सरकारी खर्च के जरिए वापस लाएगी.