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बोकारो में 28 दिन में 12 किलोमीटर पहुंचा गरीबों का अनाज, एमओ ने कहा- कराएंगे जांच - Chas block MO Virendra Kumar

बोकारो में सरकारी सिस्टम की लापरवाही की वजह से गरीबों का 500 बोरा अनाज 28 दिनों तक रास्ते में ही पड़ा रहा. अनाज की ट्रांसपोर्टिंग करने वाले ट्रक को बाजार समिति के एफसीआई गोदाम से 12 किलोमीटर की दूरी तय कर सरकारी गोदाम तक पहुंचाने में 28 दिन लग गए. पूरा मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन जांच की बात कह रहा है.

Irregularity in bokaro
बोकारो में अनियमितता

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Published : Jan 28, 2022, 6:17 PM IST

Updated : Jan 28, 2022, 6:57 PM IST

बोकारो: जिले में गरीबों के अनाज को लेकर सरकारी सिस्टम की लापरवाही का फायदा ट्रांसपोर्टर और गाड़ी मालिक उठा रहे हैं. दोनों की मनमानी जिले में कितनी बढ़ी हुई है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है अनाज की ट्रांसपोर्टिंग करने वाले ट्रक को लगभग 12 किलोमीटर की दूरी तय करने में 28 दिन लग गए. लगभग एक महीने तक ट्रक में लदा 500 बोरी गरीबों का अनाज किस हाल में और कहां रहा इसकी सुधी लेने वाला भी कोई नहीं दिखा.

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28 दिन में 12 किलोमीटर पहुंचा अनाज:दरअसल बाजार समिति के एफसीआई गोदाम से 30 दिसंबर 2021 को 500 बोरा गेहूं लेकर बाजार समिति से निकला था. जिसे अनाज को जिले में 12 किलोमीटर दूर राज्य सरकार के गोदाम में अनाज पहुंचाना था. लेकिन ट्रांसपोर्टरों और ट्रक चालक की मनमानी की वजह से अनाज लदा ट्रक कांड्रा स्थित बाबा कांटा घर के सामने कई दिनों तक खड़ा रहा. इसकी सूचना जब प्रशासन को लगी तब ट्रक मालिक और ट्रांसपोर्टर ने ट्रक को राज्य सरकार के गोदाम के पास पहुंचाया.

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कैसे रास्ते में फंस गया अनाज:खबर के मुताबिक एफसीआई गोदाम से राज्य सरकार का गोदाम तक अनाज पहुंचाने का जिम्मा ट्रांसपोर्टर को दिया गया था. 30 दिसंबर को बोकारो बाजार समिति परिसर के एफसीआई गोदाम से ट्रक संख्या JH10AM- 3569, 500 बोरा गेहूं लेकर बगल के ही राज्य सरकार के गोदाम के लिए निकला. गोदाम से निकलने के बाद ट्रक को कांटा कराने के लिए कांड्रा स्थित बाबा कांटा घर ले जाया गया. उसके बाद ट्रक को 30 दिसंबर से 27 जनवरी तक खड़ा करके छोड़ दिया गया. लेकिन इसकी खबर ना तो एमओ को लगी और ना ही किसी अधिकारी को. 27 दिनों के बाद जब इसकी जानकारी जिला प्रशासन को मिली तो आनन-फानन में ट्रांसपोर्टर और ट्रक मालिक के द्वारा ट्रक को गोदाम तक पहुंचाया गया. देरी के बारे में पूछने पर ट्रक की देखरेख करने वाले व्यक्ति ने ट्रक खराब होने का बहाना बनाया है.

एमओ को पूरी घटना की जानकारी नहीं:दिलचस्प बात है कि इस मामले में चास प्रखंड के एमओ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं मिली थी. इस मामले में ट्रांसपोर्टर से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा कि आखिर किस परिस्थिति में महीने भर यह ट्रक सड़क किनारे गरीबों का अनाज लेकर खड़ी रही. वैसे ट्रांसपोर्टर और गाड़ी मालिक के द्वारा भाड़े का विवाद होने के कारण इस तरह की हरकत का भी संदेह व्यक्त किया जा रहा है.

Last Updated : Jan 28, 2022, 6:57 PM IST

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