बोकारो:खदान हादसे में मौत को मात देकर 96 घंटे बाद मजूदर बाहर आ गए हैं. इन चार लोगों में श्रावण रजवार, लक्ष्मण रजवार, अनादि सिंह और भरत सिंह शामिल हैं. अमलाबाद ओपी इलाके के बंद पड़े पर्वतपुर कोल ब्लॉक से 4 मजदूर लगभग 96 घंटे के तक खदान में फंसे रहे थे.
जानकारी के अनुसार, 26 नवंबर को बोकारो में खदान हादसा हुआ था. इस दौरान खदान धंस गया जिसमें चारों मजदूर अंदर फंस गए. शुरुआत में मामले की जानकारी मिलने के बाद भी प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू नहीं किया जिससे स्थानीय लोगों में भी नाराजगी दिखी. हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुए 27 नवंबर को जांच के आदेश दिए गए. जिसके बाद 28 नवंबर की NDRF की टीम मौके पर पहुंची. हालांकि स्थानीय जटिलताओं को देखते हुए उन्होंने बचाव कार्य रोक दिया.
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NDRF की टीम लोगों को बचाने के लिए रणनीति है तैयार कर रही थी कि इसी बीच चारों मजदूर खुद ही खदान से बाहर निकल आए. श्रावण रजवार, लक्ष्मण रजवार, अनादि सिंह और भरत सिंह के बाहर निकलते ही चारों तरफ जश्न जैसा माहौल हो गया. लोग खुशी से झूमने लगे. मौत को चकमा देकर निकले इन चारों मजदूरों ने बताया कि इन्होंने खुद ही खदान से बाहर निकलने का रास्ता बनाया.
खदान में फंस मजदूरों के परिजन खदान में फंसे मजदूर ने बताया कि उन्हें तीन दिनों तक खदान का पानी पीकर रहना पड़ा, लेकिन इन लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और निकलने के लिए लगातार नया रास्ता बनाने में लगे रहे. उन्होंने बताया कि हादसे के बाद उन चारों के पास एक-एक टॉर्च थे उन लोगों ने फैसला किया कि इनमें से एक बार एक ही टॉर्च का इस्तेमाल करना है, ताकि अन्य तीन की बैट्री बची रहे, क्योंकि जब तक रोशनी रहेगी तब तक बाहर निकलने के लिए खुदाई होगी.
खदान में फंस मजदूरों के परिजन मजदूरों के खदान से बाहर निकलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच की. हालांकि मजदूरों ने किसी भी अन्य स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल जाने से इनकार कर दिया.
जिले के चंदनकियारी प्रखंड स्थित बंद पड़े पर्वतपुर कोल ब्लाक में लंबे समय से अवैध खनन चलता है. 26 नवंबर को अवैध खनन के दौरान ही खदान धंस गया और उसमें काम कर रहे लोग फंस गए. कुछ लोगों को आनन-फानन में बाहर निकाला गया लेकिन चार लोग अंदर ही फंस गए.
अंदर फंसे रावण रजवार की पत्नी मीरा देवी ने बताया कि शुक्रवार को किसी व्यक्ति ने उसके पति को यहां बुलाया था, जब वह घर नहीं लौटा तो वे लोग यहां आए. यहां पहुंचने पर उसकी आवाज सुरंग से आ रहा थी. वहीं रिश्तेदार प्रदीप रजवार ने बताया कि शनिवार सुबह मौके पर पहुंचे, आवाज लगाने पर भीतर से चाल में फंसे लोग बचाने की गुहार लगा रहे हैं. स्थानीय लोग अपने स्तर से ऐसे लोगों को बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद की लेकिन किसी भी प्रकार की कामयाबी उन्हें नहीं मिल पाई.