रांचीः ग्रामीण विकास विभाग सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में आज मनरेगा योजना की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की गई. कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित बैठक में सभी जिलों के उप विकास आयुक्त सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित हुए.
इस दौरान सचिव ने कहा कि अभियान में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए गांव-गांव जाकर सामाजिक अंकेक्षण इकाई से इच्छुक मजदूरों से काम की मांग विहित प्रपत्र में प्राप्त की जाएगी. काम की मांग प्राप्त होने के उपरांत उप विकास आयुक्त और मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी/ प्रखंड विकास पदाधिकारी की ओर से मजदूरों को उनके ही गांव में उपयोगी योजना के अंतर्गत नियमानुसार रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मस्टररोल निर्गत कर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. अभियान की अवधि में डेढ़ करोड़ मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य है.
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राज्य में धान रोपनी कार्य समाप्त होने के बाद बड़ी संख्या में मजदूरों को काम की आवश्यकता पड़ेगी. इसको देखते हुए विभाग एक अभियान चलाकर रोजगार उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि 18 सितंबर से 22 अक्टूबर तक मिशन मोड में अभियान चलाकर आवश्यक कार्रवाई विभागीय स्तर पर की जाए ताकि सभी स्थानीय और प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके.
बैठक में सचिव आराधना पटनायक ने संबंधित पदाधिकारियों को मनरेगा और जेएसएलपीएस के अभिसरण के अंतर्गत चलाए जा रहे 'दीदी बाड़ी योजना' से संबंधित जानकारी दी और आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
सचिव ने कहा कि राज्य में कुपोषण की समस्या गंभीर है. राज्य सरकार ने इसे समाप्त करने के लिए मनरेगा और जेएसएलपीएस के अभिसरण से प्रारंभ किए गए 'दीदी बाड़ी योजना' संचालित करने का निर्णय लिया है. इस अभियान के तहत अगले 6 माह में मनरेगा और जेएसएलपीएस के अभिसरण से 5 लाख परिवारों से 'दीदी बाड़ी योजना' का कार्य लिया जाएगा.
विभागीय मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि वर्तमान में राज्य में कुल 5,59,305 योजनाएओं पर काम प्रारंभ किया गया है, इन योजनाओं को विशेष कार्य योजना बनाकर पूरा किया जाए. सबसे पहले पुरानी योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा करने पर जोर दिया जाए. उन्होंने कहा कि मजदूरों को उनके गांव टोला में ही कार्य उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है. यह आवश्यक है कि हर गांव मोहल्लों में पर्याप्त संख्या में योजनाएं स्वीकृत हों, गांव/मोहल्लों में नई योजनाओं को प्रारंभ करने के पूर्व यह सुनिश्चित कर लें. जिससे कि संबंधित गांव और मोहल्लों में लंबित योजनाओं की संख्या नहीं हो. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से निर्धारित डेढ़ करोड़ मानव दिवस सृजन के लक्ष्य को पूरा करना विभाग की प्राथमिकता है.
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वहीं, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं को धरातल पर उतारना हमारी जिम्मेवारी है. राज्य में डेढ़ करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य विभाग ने रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास प्रतिबद्धता के साथ किया जा रहा है. 'बोले मजदूर अभियान' और 'दीदी बाड़ी योजना' का संचालन मिशन मोड में करने निमित्त सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इन सभी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि मनरेगा अंतर्गत संचालित नीलाम्बर-पिताम्बर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल योजना का लाभ राज्य के सभी श्रमिकों, गरीबों और किसानों को मिले यह सुनिश्चित कराया जा रहा है. सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में भी आजीविका का कोई अभाव ना रहे इस हेतु निरंतर विभागीय स्तर पर अनुश्रवण एवंऔर पर्यवेक्षण निरंतर किया जा रहा है.
मनरेगा योजना की प्रगति की समीक्षात्मक बैठक को लेकर ग्रामीण विकास विभाग सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में राज्य के तमाम उप विकास आयुक्तों, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारयों संग संपन्न वीडियो कांफ्रेंसिंग में सिद्धार्थ त्रिपाठी मनरेगा आयुक्त ,राजीव कुमार सीईओ जेएसएलपीएस, मीडिया सह प्रशिक्षण पदाधिकारी कुमार सौरभ, एमआईएस नोडल ऑफिसर पंकज राणा, और अन्य शामिल थे.