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कभी की खेती तो कभी पढ़ाया ट्यूशन, अब रघुवर कैबिनेट में होंगे मंत्री - झारखंड सरकार

आजसू कोटे से मंत्री बनने वाले जुगसलाई विधानसभा के विधायक रामचंद्र सहिस का राजनीतिक जीवन काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है. 15 जनवरी 1975 को पश्चिमी सिंहभूम के बोड़ाम प्रखंड के मुचिडीह गांव में जन्मे सहिस ने राजनीति में इंट्री के पहले खेती की है और यहां तक छोटे बच्चों को ट्यूशन तक पढ़ाया है.

फाइल फोटो

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Published : Jun 12, 2019, 8:02 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास के कैबिनेट में आजसू कोटे से मंत्री बनने वाले जुगसलाई विधानसभा के विधायक रामचंद्र सहिस का राजनीतिक जीवन काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है. 15 जनवरी 1975 को पश्चिमी सिंहभूम के बोड़ाम प्रखंड के मुचिडीह गांव में जन्मे सहिस ने राजनीति में इंट्री के पहले खेती की है और यहां तक छोटे बच्चों को ट्यूशन तक पढ़ाया है.


1991 में रामकृष्ण मिशन विवेकानंद हाई स्कूल से दसवीं और चांडिल स्थित सिंहभूम कॉलेज से 1994 में 12वीं के बाद वहीं से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है. 12 साल की उम्र में ही सहिस के सर से उनके पिता का साया उठ गया और उसके बाद उन्होंने अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का वहन करना शुरू कर दिया. अलग-अलग संस्थाओं से जुड़कर सहिस ग्रामीणों की सेवा करते रहे हैं.


1992 में विवेकानंद आदर्श सेवा संस्थान खड़ा कर उन्होंने 3 साल के अंदर इसके सदस्यों की संख्या 500 तक पहुंचा दी. वहीं 1997 में नेहरू युवा केंद्र से जुड़कर उन्होंने युवाओं को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 1998 से 2005 तक उन्होंने बकायदा पोल्ट्री फॉर्म भी चलाया है. अगस्त 2009 में एक कार्यक्रम के दौरान सहिस की मुलाकात आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो से हुई और उसी वर्ष आजसू पार्टी से उन्हें पहली बार जुगसलाई से टिकट मिला.2009 में उन्होंने तत्कालीन विधायक दुलाल भुइयां को 3500 वोटों से हराया. 2014 में भी सहिस झारखंड विधानसभा पहुंचे. सामान्य रूप से छोटे कद काठी के सहिस की पहचान कुशल और आक्रामक वक्ता के रूप में भी की जाती है.


चौधरी के सांसद बनने से खाली था मंत्री पद
दरअसल, आजसू के रामगढ़ से विधायक और राज्य सरकार में मंत्री रहे चंद्रप्रकाश चौधरी के गिरिडीह से सांसद चुने जाने के बाद से मौजूदा सरकार में मंत्री पद खाली हो गया था. उसे भरने को लेकर कवायद चल रही थी. बुधवार की सुबह इस बाबत आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सहिस का नाम ऑफीशियली प्रस्तावित किया और उसके बाद सहीस को गुरुवार की शाम मंत्री पद की शपथ दिलाने का फैसला लिया गया. सहिस राज्य के वैसे कैबिनेट मंत्री होंगे जिनका कार्यकाल अन्य मंत्रियों की तुलना में कम समय का होगा.

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