रांची:जिलेमें जगन्नाथपुर इलाके के कोयरी मोहल्ला में हुई कुख्यात अपराधी गेंदा सिंह गिरोह के शूटर राकेश साहू उर्फ बउवा हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही की सामने आई है. बउवा की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता वही लोग निकले जिन पर पुलिस को निगरानी कर सख्ती दिखानी थी. पुलिस ने समय रहते जमीन माफियाओं पर नकेल नहीं कसी, जिसकी वजह से बाबा साव की हत्या कर दी गई.
पुलिस मुख्यालय ने दिया था आदेश
दरअसल झारखंड पुलिस मुख्यालय में हुए अति महत्वपूर्ण बैठक में जमीन माफियाओं पर नकेल कसने के लिए पुलिस के वरीय अधिकारियों को कुख्यात जमीन कारोबारियों और अपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों की सूची तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद कुख्यात जमीन कारोबारियों और अपराधिक पृष्टभूमि के लोगों की सूची तैयार की गई.
अलग-अलग इलाकों में जमीन माफियाओं की सूची बनाने का जिम्मा अलग-अलग पुलिस अधिकारियों को दिया गया. रांची के हटिया इलाके के जमीन कारोबारियों पर निगरानी का जिम्मा हटिया एएसपी को मिला था. उन्होंने अपने इलाके के जमीन कारोबारियों की निगरानी के लिए खेलगांव थाने के अफसर, सदर थाने के अफसर और गोंदा थाना के अफसरों को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया.
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इस दौरान जमीन के कुख्यात और आपराधिक किस्म के कारोबारियों की सूची बनी, लेकिन लापरवाही की हद तो तब हो गई जब जमीन माफियाओं से मिलते जुलते नाम वाले निर्दोष लोगों और जमीन के कारोबार से कोई संबंध नहीं रखने वालों से पूछताछ और सत्यापन किया गया. पुलिस की इस अनदेखी ने कुख्यातों के लिए संरक्षण का काम किया. इससे बेखौफ जमीनों का धंधा चलता रहा और पूरा इलाका विवादित बनकर रहा. इस बीच बउवा साव की हत्या कर दी गई ,जबकि बउवा के हत्या में शामिल लोगों के नाम भी पुलिस की तरफ से बनाए गए लिस्ट में शामिल थे.
बबलू नायक और संजय साहू की जांच
बउवा साव की हत्या के मामले में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में संजय साहू और बबलू नायक का नाम सामने आया है. दोनों के नाम बीते जनवरी-फरवरी महीने से ही पुलिस की सूची में है. इन दोनों के नाम की सूची के साथ खेलगांव थाने के एएसआई रजनीकांत को जांच की जिम्मेदारी मिली थी. दोनों के नाम तो सही थे, लेकिन कुख्यात जमीन कारोबारी संजय साहू के नाम के आगे एक ऐसे व्यक्ति का मोबाइल नंबर दर्ज कर दिया गया, जिनका जमीन के कारोबार से कोई लेना-देना नहीं था.