झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / briefs

दोहरे हत्याकांड का आरोपी लोकेश अब तक फरार, एक महीने से चल रही है कार्रवाई - ईटीवी भारत झारखंड

राजधानी के सबसे वीआईपी इलाकों में शुमार अरगोड़ा थाना क्षेत्र में छह मार्च की शाम अशोकनगर में हुए दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी को पुलिस की ओर से पूरा मौका दिया जा रहा है. अग्रवाल ब्रदर्स के हत्या के एक महीने होने को है, लेकिन अभी तक हत्या का मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और उसका सहयोगी फर्जी आईबी अफसर एमके सिंह कानून के गिरफ्त से दूर है.

जानकारी देते अनीश गुप्ता, रांची एससपी

By

Published : Apr 6, 2019, 2:01 AM IST

जानकारी देते अनीश गुप्ता, रांची एससपी

रांची: राजधानी के सबसे वीआईपी इलाकों में शुमार अरगोड़ा थाना क्षेत्र में छह मार्च की शाम अशोकनगर में हुए दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी को पुलिस की ओर से पूरा मौका दिया जा रहा है. अग्रवाल ब्रदर्स के हत्या के एक महीने होने को है, लेकिन अभी तक हत्या का मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और उसका सहयोगी फर्जी आईबी अफसर एमके सिंह कानून के गिरफ्त से दूर है.


पिछले एक महीने से दोहरे हत्याकांड की तफ्तीश में लगे सभी अफसरों की जुबान पर बस एक ही जवाब है कि गिरफ्तारी का प्रयास जारी है, लेकिन कब? इसका जवाब किसी के पास नहीं है. 6 मार्च की शाम रांची के व्यवसाई हेमंत अग्रवाल और उसके सगे भाई महेंद्र अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. घटना को अंजाम देने के बाद लोकेश उसी रात अपने पूरे परिवार के साथ फरार हो गया था. इस मामले में पुलिस की तफ्तीश कितनी सुस्त है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 19 मार्च को लोकेश चौधरी के घर चिपकाने के लिए कोर्ट से इस्तेहार पुलिस ने ले लिया गया था, लेकिन इस्तेहार 25 मार्च को चिपकाया गया.


अब तक की कार्रवाई
अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड में पुलिस ने अब तक लोकेश के दोनों बॉडीगार्ड और एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया है. लेकिन पुलिस अभी तक हत्या की असली वजह सामने नहीं ला पाई है। हत्या की वजह एक बड़ी रकम बताइए जा रही हैं ।लेकिन कितने पैसे इसका खुलासा पुलिस अभी तक नहीं कर पाई है ।जबकि पुलिस दोनों बॉडीगार्डस को आमने सामने बिठाकर पूछताछ कर चुकी है।लोकेश के दोनों अंगरक्षक सुनील सिंह और धर्मेंद्र तिवारी पुलिस ने 4 दिनों तक पूछताछ की, पूछताछ के दौरान हत्या में प्रयोग किए गए हथियार को बरामद कर लिया गया.


पहुंच का फायदा उठा रहा लोकेश
राजधानी के सबसे वीआईपी इलाके अशोक नगर में न्यूज चैनल का दफ्तर खोलने वाले लोकेश चौधरी की दोस्ती झारखंड के कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से थी. पहुंच और पैरवी के बल पर लोकेश चौधरी ने कुछ महीने पहले झारखंड पुलिस से दो बॉडीगार्ड भी लिया था, लेकिन बाद में रांची डीआईजी ने रांची एसएसपी से लोकेश चौधरी के सुरक्षा की समीक्षा कराई थी. समीक्षा के बाद उसके दोनों सरकारी बॉडीगार्ड वापस ले लिए गए थे. सरकारी बॉडीगार्ड वापस लेने के बाद लोकेश चौधरी ने दो निजी गनर अपने साथ रखा था.


अब तक कायम है रहस्य
रांची के सबसे वीआईपी इलाके में हुए दोहरे हत्याकांड से पूरे राजधानी में सनसनी फैल गई थी. हत्या के बाद ऐसा लगा जैसे पूरा पुलिस महकमा मिलकर 24 घंटे में ही हत्या की गुत्थी सुलझा लेगा. जिस कमरे में हत्याकांड को अंजाम दिया गया था उस कमरे की जांच में पुलिस ने 12 घंटे लगा दिए थे, लेकिन नतीजा अभी तक शून्य है. जिन 3 लोगों को जेल भेज कर पुलिस अपनी वाहवाही लूट रही है उनके गिरफ्तारी के पीछे भी एक अलग ही कहानी है.


क्या है कहानी
दरअसल, लोकेश के दोनों बॉडीगार्ड सुनील सिंह और धर्मेंद्र तिवारी के परिवार को पुलिस ने 15 दिन तक महिला थाना में बिठाए रखा. उन्हें लगातार प्रताड़ित किया गया. परिवार के थाने में सूचना होने के बाद सबसे पहले सुनील ने रांची कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. वहीं, धर्मेंद्र ने भी अपने एक सहयोगी के जरिए अपने आप को गिरफ्तार करवा दिया. जिस तीसरे शख्स की गिरफ्तारी को लेकर रांची पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है. वह लोकेश चौधरी का निजी ड्राइवर शंकर है. शंकर वह शख्स है जो पूरी घटना के समय बिल्डिंग से बाहर अपनी कार में बैठा हुआ था. वह लोकेश के साथ भागा जरूर था, लेकिन दूसरे ही दिन वह वापस आकर पुलिस से मिला और अपनी पूरी आपबीती पुलिस को बताई, लेकिन पुलिस ने उसे फरार होने में मदद करने के आरोप में जेल भेज दिया.


आखिर कहा है लोकेश और एमके
पुलिस 3 लोगों को जेल भेज कर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन इस जघन्य हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और एमके सिंह अभी भी कानून के शिकंजे से दूर है. पिछले 25 दिनों में इस मामले को लेकर रांची एसएसपी सहित सभी अधिकारियों का एक ही जवाब है. मामले की तफ्तीश चल रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास हो रहा है.


बाजार में तरह-तरह के चर्चे
लोकेश चौधरी और एमके सिंह की फरारी को लेकर बाजार में कई तरह की चर्चाएं भी गर्म है. चर्चा यह भी है कि लोकेश बिहार के एक बड़े नेता का करीबी है. नेता उसे लगातार पुलिस की दबिश से बचा रहा है. लोकेश के पॉलीटिकल लिंक भी काफी मजबूत है. राष्ट्रीय जनता दल से टिकट पाने के लिए वह रिम्स में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भी मिला था. वह बिहार के बेनीपुर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहता था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details