पाकुड़: 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दल जनता को लुभाने में जुटे हैं. अपनी-अपनी घोषणा पत्र और ज्वलंत चुनावी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. सभी पार्टियां अपनी उपलब्धि और दूसरों नाकामी गिना रहे हैं. लेकिन इसबार पाकुड़ की जनता ने सोच लिया है कि वो किसी के बहकावे में नहीं आएंगे.
लोकसभा चुनाव: भाषण से नहीं, इन शर्तों पर अपना सांसद चुनेगी पाकुड़ की जनता - झारखंड चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दल जनता को लुभाने में जुटे हैं. अपनी-अपनी घोषणा पत्र और ज्वलंत चुनावी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. सभी पार्टियां अपनी उपलब्धि और दूसरों नाकामी गिना रहे हैं. लेकिन इसबार पाकुड़ की जनता ने सोच लिया है कि वो किसी के बहकावे में नहीं आएंगे.
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पाकुड़ झारखंड के अंतिम छोर पर बसे अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित राजमहल संसदीय क्षेत्र में पड़ता है. जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में रहने वाले मतदाता विकास के मुद्दे को ही लेकर वोट करेंगे. इस सीट पर कौन-कौन से दल अपना प्रत्याशी किसे बनाएंगे यह तो अभी तय नहीं हो पाया है. लेकिन इतना जरूर है कि इस बार इवीएम पर बटन दबाकर ऐसे ही जनप्रतिनिधि चुनने की बात यहां के मतदाता कर रहे हैं, जो एसी गाड़ी में घूमने वाला न हो, लोगों के सुखदुख में साथ खड़ा रहने वाला हो. पाकुड़ जिले का विकास करने वाला हो और क्षेत्र में रहने वाले लोगों को रोजगार देने वाला हो.
देश में कई प्रमुख मुद्दे राफेल लड़ाकु विमान खरीदारी में हेराफेरी, पुलवामा में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर किए गए एयर स्ट्राइक आदि को लेकर सत्ता और विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप इन मुद्दों के चुनावी प्रचार-प्रसार में हावी रहने की चारो ओर चर्चा है, लेकिन मतदाता तो नए जनप्रतिनिधि को चुनने के लिए अपने मन में अलग ही मुद्दों को बैठा रखे हैं. मतदाताओं द्वारा दी गयी राय के मुताबिक इस बार के लोकसभा चुनाव में वे वैसा ही जनप्रतिनिधि चुनेंगे जो कम से कम पांच साल जनता के साथ रहे.