रांची:19 सितंबर के दिन सन् 1920 को अमेरिका के बोस्टन शहर में परमहंस योगानंद पहुंचे थे. इसके 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में 19 सितंबर 2020 को वार्षिक समारोह अमेरिका में आयोजित किया जाएगा और इस आयोजन को योगदा सत्संग सोसाइटी की ओर से विश्व भर में लाइव प्रसारण भी किया जाएगा. इसका प्रसारण झारखंड में भी होगा. रांची के योगदा सत्संग मठ में सत्संग के सन्यासी इसमें हिस्सा लेंगे.
अमेरिका ने समझे योग के मायने
योगदा सत्संग सोसायटी की माने तो ठीक 100 साल पहले 19 सितंबर 1920 को एक युवा योगी ने अमेरिका के धरती पर पैर रखा था. उस दौरान अमेरिका इस युवा भारतीय योगी से इस कदर प्रभावित हुए थे कि संयुक्त राज्य अमेरिका के विभिन्न शहरों में व्यापक रूप से व्याख्यान देने के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया था. योग ध्यान के मायने अमेरिका को उसी दौरान समझ में आए थे और इस युवा योगी ने पश्चिमी देशों को इससे परिचित भी कराया था.
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उनके भाषण के जरिए पश्चिमी देशों के लोग काफी प्रभावित हुए थे. इसी वजह से परमहंस योगानंद को पश्चिमी देशों में योग के पिता के रूप में जाना जाता है. 36 मिलियन से अधिक अमेरिकी उनके अनुसरण करते हुए योगाभ्यास करते हैं और 18 मिलियन से अधिक ध्यान करते हैं. स्वामी परमहंस योगानंद के अनुसरण के लिए 60 से अधिक देशों के 800 से अधिक आश्रम और ध्यान केंद्र बनवाए गए हैं. इसी के तहत 19 सितंबर 2020 को शतवार्षिकी समारोह ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है.
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया बोस्टन हार्वर में एक समारोह आयोजित किया जा रहा है. यह वही स्थान है जहां परमहंस योगानंद अमेरिका में 100 साल पहले जहाज से उतरे थे. इस कार्यक्रम में लगातार 24 घंटे क्रिया योग के अभ्यास और ध्यान के अलावा स्वामी चिदानंद का ऑनलाइन विशेष प्रवचन होगा.