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दुमका का सदर अस्पताल सरकारी उपेक्षा का शिकार, नहीं है मरीजों के लिए कोई सुविधा

स्वास्थ्य सुविधाओं के दृष्टिकोण से दुमका काफी पिछड़ा हुआ है. यहां के लोगों के लिए सदर अस्पताल ही एकमात्र विकल्प है, लेकिन विभागीय उदासीनता की वजह से यह काफी बदहाल है. आग से जले मरीजों के लिए लगभग 80 लाख की लागत से अस्पताल परिसर में ही बर्न यूनिट बना, लेकिन आज तक यह चालू नहीं हुआ. ऐसे में अभी बर्न मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है. विभागीय लापरवाही देखिए इस भीषण गर्मी में भी इसका एयरकंडीशन खराब है, जबकि जले हुए मरीज को एसी में रखना आवश्यक है.

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Published : May 10, 2019, 6:22 AM IST

दुमका: स्वास्थ्य सुविधाओं के दृष्टिकोण से दुमका काफी पिछड़ा हुआ है. यहां के लोगों के लिए सदर अस्पताल ही एकमात्र विकल्प है, लेकिन विभागीय उदासीनता की वजह से यह काफी बदहाल है. संसाधनों की काफी कमी है और जो संसाधन है उसकी भी स्थिति जर्जर है.

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आग से जले मरीजों के लिए लगभग 80 लाख की लागत से अस्पताल परिसर में ही बर्न यूनिट बना, लेकिन आज तक यह चालू नहीं हुआ. ऐसे में अभी बर्न मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है. विभागीय लापरवाही देखिए इस भीषण गर्मी में भी इसका एयरकंडीशन खराब है, जबकि जले हुए मरीज को एसी में रखना आवश्यक है. अभी जो बर्न मरीज इस वार्ड में है उन्हें काफी तकलीफ हो रही है.


वाटर एटीएम हुआ खराब
मरीजों और उसके परिजनों को साफ फिल्टर पेयजल मिले इसके लिए सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर प्रशासन द्वारा हाल ही में एक वाटर एटीएम लगा. इसमें सिर्फ एक रुपए में साफ जल मिलता था, लेकिन वह भी खराब हो गया देखने वाला कोई नहीं.


क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस संबंध में दुमका के सिविल सर्जन डॉ. अनंत कुमार झा ने कहा कि अभी जो बर्न वार्ड है और उसका एसी खराब हो गया है. उसे जल्द दुरुस्त किया जाएगा. अलग से जो बर्न यूनिट बना है उसे भी दो महीने में शुरू कर दिया जाएगा. वे भी मानते हैं कि वाटर एटीएम काफी उपयोगी था, लेकिन अब यह खराब हो गया है जिसे ठीक करने के लिए टेक्नीशियन को कहा जा रहा है.

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