रांची: टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने शुक्रवार को आधुनिक कॉरपोरेशन के एमडी महेश अग्रवाल से लंबी पूछताछ की. महेश अग्रवाल को एनआईए ने नक्सली संगठन टीपीसी के द्वारा कोल परियोजनाओं से टेरर फंडिंग केस में तलब किया था.
एनआईए के द्वारा तलब किए जाने के बाद आधुनिक कॉरपोरेशन के एमडी महेश अग्रवाल शुक्रवार को एनआईए के दफ्तर पहुंचे. जहां उनसे एनआईए की टीम ने लगभग 2 घंटे तक पूछताछ की. एनआईए ने पूर्व में टेरर फंडिंग केस में आधुनिक पावर के जीएम संजय जैन को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. संजय समेत टीपीसी के नक्सलियों और ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ दिसंबर 2018 में एनआईए ने पहली चार्जशीट फाइल की थी.
नक्सली संगठन को नहीं दिया पैसा
एनआईए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूछताछ के दौरान महेश अग्रवाल से कई अहम जानकारियां मांगी गई. एनआईए के अधिकारियों ने महेश अग्रवाल से यह भी पूछा कि नक्सली संगठन टीपीसी को कैसे और किस तरीके से लेवी दी जाती थी. एनआईए के सवालों का जवाब देते हुए महेश अग्रवाल ने बताया है कि वह पहले कभी झारखंड नहीं आए हैं. झारखंड में कंपनी का काम देख रहे लोग बताते थे कि पार्टी के लोगों के द्वारा पैसे की मांग की जाती है, लेकिन उनके द्वारा कभी किसी नक्सली संगठन को पैसा नहीं दिया गया.महेश अग्रवाल ने एनआईए के पूछताछ के दौरान अपने आपको टेरर फंडिंग मामले में बिल्कुल अनजान बताया है. महेश अग्रवाल के अनुसार झारखंड में उनके कंपनी के नीचे के लोग ही सारी चीजें देखते थे. ऐसे में उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है.
160 से अधिक लोगों का बयान हो चुका है दर्ज
टेरर फंडिंग केस की जांच कर रही एनआईए की टीम ने अब तक 160 लोगों का बयान दर्ज किया है. टेरर फंडिंग केस में बड़ी कार्रवाई कर चुकी एनआईए ने मगध आम्रपाली कोल परियोजना से टेरर फंडिंग में कई बड़े नामों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. टेरर फंडिंग मामले में वसूली के मास्टरमाइंड सुभान मियां कोहराम, बिंदु गंझू, प्रदीप राम और ट्रांसपोर्टर छोटू सिंह समेत 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई थी.