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नौकरी के नाम पर नाबालिग लड़की को घर से भगाया, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा - जामताड़ा कोर्ट

जामताड़ा में कोर्ट ने नाबालिग लड़की को भगा ले जाने के मामले में आरोपी को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने आरोपी को 10 साल सश्रम कारावास की सजा और 20 हजार रुपये का जुमर्ना लगाया.

जामताड़ा कोर्ट में सुनवाई

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Published : Jun 26, 2019, 5:37 PM IST

जामताड़: जिला व्यवहार न्यायालय के प्रथम जिला सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने बुधवार को मिहिजाम थाना क्षेत्र के नाबालिग लड़की को भगाकर ले जाने के मामले में सजा सुनाई है. कोर्ट ने मामले में आरोपी को दोषी पाकर 10 साल सश्रम कारावास की सजा और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.


मामला 2017 का है जब राजा नाम का एक युवक नाबालिग लड़की को काम दिलाने का बहाने भगा ले गया था. पीड़िता के मुताबिक वह अपने घर से बाहर हैंडपंप से पानी लेने हर दिन जाया करती थी. उसी समय आरोपी युवक आता था, जिससे दोनों के बीच जान पहचान बढ़ी और इसी बीच उसने काम दिलाने की बात कह कर उसे भगाकर जामताड़ा ले गया.

जामताड़ा कोर्ट में सुनवाई


पीड़िता के मुताबिक युवक ने जामताड़ा कोर्ट में शादी करने को लेकर फर्जी कागजात तैयार किया. नाबालिग लड़की ने अपने बयान में कहा कि युवक जामताड़ा रेलवे स्टेशन पर उसके दौरान कुछ हरकत कर रहा था जिसे लोगों ने देखा और पुलिस को इसकी सूचना दे दी. जिसके बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर महिला थाना को सौंप दिया.


महिला थाना की पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया और आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 366 और पोक्सो एक्ट के तहत अभियुक्त बनाया गया था.
पुलिस द्वारा इस मामले में अनुसंधान पूरी करने के बाद आरोपी के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया. न्यायालय द्वारा तमाम गवाहों और दलीलों को देखने सुनने के बाद आरोपी को दोषी पाया और सजा सुनाई. मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि उनके अभियुक्त को झूठे केस में फंसाया गया है और इस फैसले के विरोध में ऊपरी अदालत में अपील करेंगे.

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