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Published : Jul 3, 2020, 3:26 PM IST

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झारखंड अभिभावक संघ का राज्यव्यापी आंदोलन, गांधी प्रतिमा के समक्ष दिया धरना

रांची में शुक्रवार को झारखंड अभिभावक संघ ने गांधी प्रतिमा के सामने एक दिवसीय धरना देते हुए आंदोलन की शुरुआत की है. अभिभावक संघ के अध्यक्ष का कहान है कि मोबाइल के जरिए ऑनलाइन पठन-पाठन को स्थगित किया जाए और सरकार की तरफ से संचालित टीवी चैनलों के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाए.

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झारखंड अभिभावक संघ

रांची:झारखंड अभिभावक संघ की ओर से मोराबादी स्थित बापू वाटिका के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया. धरने के दौरान अभिभावक मंच के अध्यक्ष के आलावे सदस्यों ने मोबाइल के जरिए ऑनलाइन पठन-पाठन को स्थगित करने की मांग की है. साथ ही फीस को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी को भी रोकने की मांग केंद्र सरकार से की गई है.

झारखंड अभिभावक संघ
झारखंड अभिभावक संघ ने शुक्रवार से राज्यव्यापी आंदोलन कि शुरुआत की है. आंदोलन की इसी कड़ी में अभिभावक संघ के सदस्यों ने राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया. धरने के दौरान कहा गया कि निजी स्कूल लगातार फीस को लेकर मनमानी कर रहे हैं. ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में भी फीस वसूली की जा रही है. विभिन्न स्कूलों का विभिन्न तरीका है और वह अपने अपने तरीके से फीस की वसूली में मगन है और इस ओर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग का ध्यान नहीं है.

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टीवी चैनलों के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत
अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि मोबाइल के जरिए ऑनलाइन पठन-पाठन से बच्चों को काफी परेशानी हो रही है. मोबाइल से दूर रखने के बजाय बच्चे ऑनलाइन पठन-पाठन के बहाने मोबाइल के करीब आ रहे हैं, इसके दूरगामी दुष्परिणाम हैं. इससे निपटने के लिए मोबाइल के जरिए ऑनलाइन पढ़ाई को बंद कराना होगा. सरकारी स्कूलों के तर्ज पर दूरदर्शन के माध्यम से और केंद्र सरकार की तरफ से संचालित विभिन्न टीवी चैनलों के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत किया जाए, नहीं तो आने वाले समय में वृहद रूप से सड़कों पर आंदोलन करना होगा .

3 महीने की फीस हो माफ
अभिभावक मंच ने राज्य सरकार से मांग की है कि आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों को देखते हुए उनका 3 महीने का फीस निजी स्कूलों को माफ करना चाहिए. वहीं जो अभिभावक सक्षम है, वह फीस दे रहे हैं, लेकिन ऐसे सैकड़ों अभिभावक है जो अब तक ट्यूशन फीस भी नहीं दिया है. वैसे अभिभावकों को चिन्हित कर उनके बच्चों का फीस पूरी तरह माफ करने की जरूरत है.

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