रांची: राजधानी के बड़ा तालाब, कांके डैम और धुर्वा डैम पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने और उसे अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद झारखंड सरकार के नगर विकास सचिव और पेयजल स्वच्छता सचिव को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में रांची के बड़ा तालाब, कांके डैम और धुर्वा डैम के क्षेत्र में हो रहे लगातार अतिक्रमण को रोकने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि बड़ा तालाब, कांके डैम और धुर्वा डैम में लगातार अतिक्रमण हो रहा है, अगर उसे रोका नहीं गया तो जल स्रोत पर ही खत्म हो जाएंगे. अदालत ने कहा कि पहले सरकार से जवाब ले लेते हैं. उन्होंने झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग के सचिव जो एक अन्य मामले में सुनवाई के दौरान उपस्थित थे. उन्हें और पेयजल स्वच्छता विभाग को मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.
जल स्रोतों पर हो रहे अतिक्रमण पर हाई कोर्ट गंभीर, नगर विकास और पेयजल विभाग से मांगा जवाब - jharkhand high court news
रांची के बड़ा तालाब, कांके डैम और धुर्वा डैम पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने और उसे अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद झारखंड सरकार के नगर विकास सचिव और पेयजल स्वच्छता सचिव को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.
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झारखंड हाई कोर्ट
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याचिकाकर्ता राजीव सिंह ने कांके डैम और धुर्वा डैम में हो रहे अतिक्रमण को रोकने और उसे अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार के नगर विकास सचिव और पेयजल सचिव को 25 सितंबर से पूर्व जवाब पेश करने को कहा है.