रांची: बागी विधायक मामले पर मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट में हुई. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन से जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी.
जेवीएम के अधिवक्ता आरएन सहाय ने कोर्ट से कानूनी जानकारी देते हुए कहा कि जो विलय हुआ है. वह अनुच्छेद 10वीं का अवमानना है. उन्होंने कहा कि विधायक विलय नहीं कर सकते. विलय करने का अधिकार सिर्फ पार्टी को होता है. इसी आधार पर अधिवक्ता आरएन सहाय ने जेवीएम की ओर से कोर्ट में पक्ष रखा.
हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका
दल-बदल मामले में विधानसभा स्पीकर दिनेश उरांव के फैसले को चुनौती देते हुए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि झारखंड विकास मोर्चा के सभी छह विधायकों ने संविधान और राजनीतिक मर्यादाओं को तोड़ते हुए भाजपा की सदस्यता ले ली थी और छह विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसी दल-बदल मामले में स्पीकर के फैसले को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.