जमशेदपुरःशासन और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसी के मद्देनजर टाटा स्टील ने वर्तमान में फ्रंट लाइन में काम कर रहे अपने 6,265 कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कराने का फैसला लिया है, जिसमें ठेका कर्मी भी शामिल है.
जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की रणनीति
टाटा ब्रिजीटल कोविड सेफ्टी सर्विसेस (टीबीसीएसएस) टाटा स्टील में कोरोना की जांच के लिए अपनी सेवा दे रही है. बीमारी की गतिशीलता को देखते हुए एंटी बॉडी और आरटीपीसीआर टेस्ट दोनों किए जाएंगे. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. टाटा स्टील पहली ऐसी कंपनी होगी, जो अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए इस तरह से बड़े पैमाने पर कर्मचारियों का टेस्ट कराने की पहल कर रही है. इसको लेकर शुक्रवार को यूनियन और प्रबंधन के बीच चर्चा हुई.
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टाटा स्टील एक मजबूत प्रबंधन प्रणाली
टाटा स्टील सेफ्टी हेल्थ एंड सस्टेनेबिलिटी के वीपी संजीव पॉल ने कहा कि टाटा स्टील एक मजबूत प्रबंधन प्रणाली की रूपरेखा और एक ठोस सुरक्षा प्रशासनिक ढांचे को फॉलो करती है. उन्होंने कहा कि इस महामारी को कम करने के प्रयास को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है.
फ्रंटलाइन वर्करों को बचाने के लिए मजबूत पहल
टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में प्रतिदिन काम कर रहे किसी भी व्यक्ति को खतरा नहीं होना चाहिए या उन्हें दूसरों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि टाटा स्टील ने कोविड-19 महामारी के खतरों से फ्रंटलाइन वर्करों को बचाने के लिए मजबूत पहल की है. यह पायलट प्रोजेक्ट (टेस्ट) के तौर पर टाटा स्टील के फ्रंटलाइन कर्मचारियों के लिए है. इसके बाद कंपनी अन्य विभाग के कर्मचारियों के लिए भी लागू करेगी.