रांची: झारखंड सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और झारखंड आंदोलनकारी हाजी हुसैन अंसारी के आकस्मिक निधन पर कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में रविवार को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई. कांग्रेस जनों ने हाजी हुसैन अंसारी के चित्र पर माल्यार्पण किया और दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी. साथ ही दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.
रांचीः हाजी हुसैन अंसारी के निधन पर कांग्रेस भवन में दी गई श्रद्धांजलि, दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से की गई प्रार्थना
कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में झारखंड के दिवंगत अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी को श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान कांग्रेसियों ने दुख व्यक्त किया और उनके निधन को राज्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया.
शोक संदेश में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री झारखंड सरकार हाजी हुसैन अंसारी के आकस्मिक निधन पर गहरी संवेदना और दुख प्रकट करते हुए कहा कि परमात्मा हाजी साहब की आत्मा को शांति दें और परिवार को दुख सहने की शक्ति दे. हाजी हुसैन अंसारी सरल स्वभाव और दृढ़ निश्चय वाले जन नेता थे. शिबू सोरेन के घनिष्ठ मित्रों में से एक और झारखंड आंदोलन के प्रमुख योद्धा हाजी हुसैन अंसारी ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी.
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उन्होंने कहा कि नब्बे के दशक में उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थामा और मधुपुर से लगातार चुनाव जीतते रहे. 2004 में प्रतिपक्ष के नेता के रूप में भी उन्होंने अपने विशिष्ट योग्यता साबित की. प्रदेश ने एक महान शख्सियत को खो दिया है. आने वाले दिनों में झारखंड की राजनीति में एक शून्यता कायम रहेगी. उनकी कमी पूरी करना शायद नामुमकिन होगा.
कांग्रेस विधायक दल नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि एक बड़े भाई के रूप में बहुत कुछ खो दिया है. विधायक या मंत्री उनके लिए बहुत छोटे शब्द हैं. संथाल परगना सहित पूरे राज्य में उनका सरल स्वभाव, मृदुभाषी, शांत व्यवहार हमेशा याद किया जाता रहेगा. अलग राज्य के आंदोलन में अपना सब कुछ न्योछावर कर दिशोम गुरु के साथ एक सहभागी की जिम्मेदारी का निर्वहन किया. व्यक्तिगत रूप में उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है. प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने कहा कि करीब तीन दशक से अधिक समय से राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में सक्रिय हाजी हुसैन अंसारी के निधन से पूरे राज्य के लिए अपूरणीय क्षति हुई है. हाजी साहब से आत्मीय और व्यक्तिगत संबंध रहे हैं. सदैव उनका सानिध्य प्राप्त होता रहा था. एक अभिभावक के रूप में हमने एक महान शख्सियत को खो दिया है.