रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा के वन विभाग के क्विक रिस्पांस टीम को अपना बेहतर देने की कोशिश करनी चाहिए ताकि हाथी और मानव के द्वंद को कम किया जा सके. उन्होंने कहा कि हाथियों के कॉरिडोर को नुकसान पहुंचाया गया है. यही वजह है कि हाथी फसल, घर और लोगों की जान को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को समय पर मुआवजा मिले यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से मौजूदा वित्त वर्ष के लिए झारखंड कैंपा योजना की समीक्षा के दौरान सीएम ने यह बातें कही. उन्होंने कहा कि विभाग ने जो चेक डैम बनाए हैं उसका जायजा भी लिया जाए. इसके साथ ही पंचायत स्तर पर वन भूमि को चिन्हित कर उसका संरक्षण किया जाए. उन्होंने कहा कि चिन्हित जगह पर वन भूमि की जानकारी देते हुए सूचना पट लगाया जाए ताकि अतिक्रमण ना हो.
सीएम हेमंत सोरेन ने की झारखंड कैंपा योजना की समीक्षा, पंचायत स्तर पर वन-भूमि को चिन्हित करने के दिए निर्देश
सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड कैंपा योजना की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने क्विक रिस्पॉन्स टीम को कई निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा के वन विभाग के क्विक रिस्पांस टीम को अपना बेहतर देने की कोशिश करनी चाहिए ताकि हाथी और मानव के द्वंद को कम किया जा सके.
प्रतीकात्मक वन रोपनी योजना के अंतर्गत मौजूदा वित्त वर्ष में 4532 हेक्टेयर में ब्लॉक वृक्षारोपण का एडवांस काम, 3862 हेक्टेयर में समापन काम और सिल्वीकल्चर ऑपरेशन का काम किया जाए.
वनकर्मियों के लिए आवास निर्माण, वन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए ग्राम वन प्रबंधन समिति के सदस्यों की सहायता.
वन सीमा स्तंभ का निर्माण, क्विक रिस्पॉन्स टीम का गठन, पलामू टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों के प्राकृतिक संरक्षण के दृष्टिकोण से परियोजना में अवस्थित गांव का प्रस्तावित स्वास्थ्य केंद्र.
दरअसल राज्य में 58 स्क्वॉयर किलोमीटर वन क्षेत्र की पहचान हुई है. बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का समेत अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक कैंपा संजय श्रीवास्तव मौजूद थे.