बोकारो: गोमिया के स्वांग गांव के चार मजदूर हैदराबाद के करनुल में पिछले 10 महीनों से बंधक बना लिए गए हैं. मजदूर वहां बंधक बनकर मजदूरी करने को विवश हैं. संचालक के शोषण से तंग आकर 20 मजदूर वहां से किसी तरह भागकर वापस घर आ गए, लेकिन अभी भी 4 मजदूर वहां फंसे हुए हैं.
बोकारो के 4 मजदूर 10 महीने से हैदराबाद में बंधक, परिजनों ने प्रशासन से लगाई गुहार
बोकारो गोमिया के स्वांग गांव के चार मजदूर हैदराबाद के करनुल में पिछले 10 महीनों से बंधक बना लिए गए हैं. मजदूर वहां बंधक बनकर मजदूरी करने को विवश हैं. संचालक के शोषण से तंग आकर 20 मजदूर वहां से किसी तरह भागकर वापस घर आ गए, लेकिन अभी भी 4 मजदूर वहां फंसे हुए हैं.
बंधक बने मजदूरों के परिजनों के अनुसार कथारा और स्वांग के 24 मजदूर काम की तलाश में बबलू पासवान नाम के व्यक्ति के साथ आंध्र प्रदेश के हैदराबाद शहर अंतर्गत करनूल गए थे. बबलू ने उन सभी मजदूरों को करनूल के केमिकल फैक्ट्री के संचालक के अधीन सुपुर्द कर दिया. बबलू अपना कमीशन लेकर वहां से चलता बना. वहीं संचालक के द्वारा उन सभी मजदूरों से जानवरों की तरह काम कराया जाने लगा.
संचालक के शोषण से तंग आकर 20 मजदूर वहां से किसी तरह भागकर वापस घर आ गए, लेकिन अभी भी 4 मजदूर विक्की चौहान, छोटू चौहान, राजू सिंह और पवन सिंह फैक्ट्री संचालक के यहां 10 महीने से बंधक बने हुए हैं. बंधक मजदूरों के परिजन प्रकाश सिंह चंदन कुमार और पिंकू कुमार ने स्थानीय प्रशासन से उनकी वापसी के लिए गुहार लगाई है. इस मामले में अंचल अधिकारी ओमप्रकाश मंडल ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. वरीय पदाधिकारियों के निर्देशानुसार मजदूरों को वापस लाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.