स्कूल बस हादसों में कई परिवारों ने खोये घर के चिराग, परिजन आज भी न्याय के लिए खा रहे ठोकरें
नूरपूर बस हादसा हो या ददाहू मारे गए बच्चों के परिजन आज भी न्याय के लिए ठोकरें खा रहे हैं. इनकी एक ही मांग है इन्साफ इन्साफ और बस इन्साफ इससे कम कुछ भी नहीं. ऐसा लग रहा है कि सरकारें और अधिकारी धृतराष्ट्र बने हुए हैं. इन्हे न मजबूर मां बाप के आंसू दिख रहे हैं न दर्द.