POSITIVE BHARAT PODCAST: भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी के जीवन संघर्ष की कहानी - Anandi Gopal Joshi birth anniversary
आज बात भारत की पहली महिला डॉ. आनंदी गोपाल (Anandi Gopal Joshi) की. 31 मार्च 1865 को पुणे में मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मी आनंदी गोपाल जोशी की कहानी किसी प्ररेणा से कम नहीं है. महज 9 साल की उम्र में आनंदी की 25 साल के विदुर गोपालराव जोशी से शादी हो गई. 14 साल की उम्र में आनंदी मां बन चुकी थीं.लेकिन 10 दिनों के भीतर ही उनके नवजात बच्चे की मौत हो गई. इलाज के अभाव में हुई बच्चे की मौत ने आनंदी को जीवन का लक्ष्य दिया. उन्होंने डॉक्टर बनने की ठान ली ताकि इलाज और शिक्षा के अभाव में किसी मां को अपना बच्चा न खोना पड़े. उस दौर में एक महिला के लिए पढ़ाई करना ही सपने जैसा था लेकिन इस वक्त में भी इस लक्ष्य तक पहुंचने में उनके पति गोपालराव जोशी ने भी उनकी मदद की और उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया. समाज के ताने भी झेलने पड़े लेकिन आलोचनाओं की परवाह किए बगैर उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखा. साल 1880 में पति ने उन्हें मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश भेजने की ठानी और अमेरिका भेज दिया. 1886 में उन्होंने महज 21 साल की उम्र में एमडी की डिग्री हासिल की. एमडी की डिग्री हासिल कर डॉक्टर बनने वाली वह भारत की पहली महिला डॉक्टर बनीं. डॉक्टर बनने के बाद जब वह भारत लौटीं तो उनका भव्य स्वागत हुआ भारत की पहली महिला डॉक्टर बनने का कीर्तिमान स्थापित करने वालीं आनंदीबाई गोपाल टीबी की बीमारी का शिकार हो गईं और लगातार बीमार रहने की वजह से उनका निधन 26 फरवरी 1887 को महज 22 साल की उम्र में हो गया. भले ही आनंदी अपनी असामयिक मृत्यु के कारण अपनी डिग्री को एक सफल पेशे में परिवर्तित नहीं कर सकी, लेकिन उनके एक कदम ने देश और दुनिया की आधी आबादी को एक उम्मीद दी. जो मशाल आनंदी गोपाल ने उठाई थी वो आज भी कई महिलाओं की राह को रोशन कर उन्हें अपने लक्ष्य के प्रति प्रेरित कर रही हैं.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:21 PM IST