Rajouri Encounter: शहीद जवान प्रमोद ने किया था मां से वापस आने का वादा, अरविंद कुमार ने करवाना था बेटी का ऑपरेशन, लेकिन...
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में शुक्रवार, 5 मई को हुई आतंकी मुठभेड़ में सेना के 5 जवान शहीद हो गए. इसमें हिमाचल प्रदेश के अरविंद कुमार और प्रमोद नेगी ने शहादत दी थी. शहीद जवान प्रमोद नेगी का शनिवार यानि पिछले कल पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, आज शहीद जवान अरविंद कुमार को अंतिम विदाई दी गई. शहीद अरविंद के पिता उज्ज्वल सिंह लोक निर्माण विभाग से करीब आठ साल पहले रिटायर हुए थे. रिटायरमेंट के 2 साल बाद वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठे और उनकी याददाश्त चली गई. अरविंद ने अपने पिता के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी और सेना के कई अस्पतालों में उनका इलाज करवाया. ऐसे में वह अपने बेटे की शहादत से अंजान हैं. वह भीड़ को देखकर बस टकटकी लगाए हुए थे. शहीद जवान अरविंद कुमार की दो बेटियां हैं. अरविंद की छोटी बेटी को कुछ समय से नाक में कुछ समस्या थी. जिसको लेकर वे अरविंद छोटी बेटी के नाक का ऑपरेशन करवाना चाहते थे. वह पत्नी बिंदु देवी, पिता उज्ज्वल सिंह और माता निर्मला देवी से यह कह कर गए थे कि अगली छुट्टी में अपनी बेटी के नाक का ऑपरेशन करवाएंगे. इसके बाद बेटी ठीक हो जाएगी. लेकिन अरविंद को क्या पता था कि वे बेटी का इलाज पूरा नहीं करवा पाएंगे. वहीं, सिरमौर जिले के शिलाई के रहने वाले जवान प्रमोद नेगी का अंतिम संस्कार पिछले कल शनिवार को हो चुका है. मिशन पर जाने से पहले प्रमोद ने अपनी माता से बात की थी. उन्होंने कहा था, "मां, मैं जरूरी मिशन पर जा रहा हूं. हो सकता 10 दिन मोबाइल बंद रहे. चिंता मत करना. मैं जल्द मिशन फतह कर लौटूंगा. उन्होंने गुरुवार रात करीब 11 बजे अपनी मां से बात की थी. इस दौरान घर का हाल-चाल पूछा था. इसके अगले दिन परिजनों को 12 बजे बेटे की शहादत की खबर मिली." परिजन और रिश्तेदार बार-बार प्रमोद के अंतिम शब्दों को याद करके बेसुध हो रहे हैं. किसी ने भी सपने में नहीं सोचा था कि हाल-चाल लेने के कुछ ही घंटे बाद उन्हें ऐसी खबर मिलेगी.