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उत्तराखंड के सांसद तीर्थ सिंह रावत ने चिंतपूर्णी मंदिर में टेका माथा, मन्नत का धागा भी खोला

उत्तराखंड के गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद तीर्थ सिंह रावत ने मां चिंतपूर्णी के दरबार में हाजिरी लगाई. वहीं, उन्होंने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान संगठन मंत्री पवन राणा के साथ मां चिंतपूर्णी के दरबार में हाजिरी लगाने का मौका लगा था. उस समय मां चिंतपूर्णी के दरबार में सांसद बनने की मनोकामना के साथ मन्नत का धागा मां चिंतपूर्णी के दरबार में बांधा था. जिसे आज मन्नत पूरी होने के बाद धागे को खोल दिया है.

Uttarakhand MP Teertha Singh Rawat in Chintpurni temple
फोटो.

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Published : Dec 21, 2020, 8:25 PM IST

ऊना: सोमवार को उत्तराखंड के गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद तीर्थ सिंह रावत ने मां चिंतपूर्णी के दरबार में हाजिरी लगाई. हाजिरी लगाने के दौरान उन्होंने मां के दरबार में 2019 के लोकसभा चुनाव से पूर्व मन्नत का धागा भी खोला. बता दें कि तीरथ सिंह रावत 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा हिमाचल के प्रभारी थे और उस समय पार्टी ने उन्हें उत्तराखंड के गढ़वाल से पार्टी उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता था.

वहीं, इस बारे में उन्होंने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान संगठन मंत्री पवन राणा के साथ मां चिंतपूर्णी के दरबार में हाजिरी लगाने का मौका लगा था. उस समय मां चिंतपूर्णी के दरबार में सांसद बनने की मनोकामना के साथ मन्नत का धागा मां चिंतपूर्णी के दरबार में बांधा था. जिसे आज मन्नत पूरी होने के बाद धागे को खोल दिया है. इस धागे को काफी समय पहले ही खोलने की मेरी इच्छा थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस धागे को खोलने में और मां के दरबार में दर्शन करने में देरी हुई.

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कृषि कानून से किसानों को मिलेगा फायदा

उन्होंने कहा कि उन्हें माता चिंतपूर्णी के दर्शन करके काफी आनंद मिला. देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कुछ राजनीतिक लोग किसान आंदोलन को लेकर किसानों को भृमित कर रहे हैं. सांसद ने कहा मोदी सरकार ने किसानों को स्वायत्तता और स्वतंत्रता देने का काम किया है, क्योंकि इससे पहले किसानों को अपना सामान ओने पौने दामों में बिचौलियों को बेचना पड़ता था. जिसके कारण किसानों को नुकसान होता था.

अब इस कानून के बन जाने से किसानों को फायदा होगा, लेकिन कुछ राजनीतिक दल जिनका अस्तित्व खतरे में हैं और कुछ असामाजिक तत्व किसानों को बरगला रहे हैं, ताकि आने वाले चुनावों में इससे कुछ फायदा हासिल कर सके.

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