ऊना:कांग्रेस ने 29 साल के लंबे इंतजार के बाद ऊना में 4 सीटें जीतकर बड़ी जीत दर्ज की है. मुख्यमंत्री पद के दावेदार और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री लगातार पांचवीं बार विधानसभा की चौखट पार करने में कामयाब रहे हैं, जबकि जिला से भाजपा के कद्दावर नेता वीरेंद्र कंवर चुनाव हार गए हैं. कुटलैहड़ में कांग्रेस ने 32 वर्ष के बाद जीत दर्ज करते हुए भाजपा के बड़े किले को ध्वस्त कर दिया.
वहीं ऊना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने चुनाव जीत लिया है, जबकि 3 क्षेत्रों से इस बार नए चेहरे विधानसभा में प्रवेश करने वाले हैं. जिनमें कांग्रेस के चिंतपूर्णी से सुदर्शन सिंह बबलू, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो शामिल हैं. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को जिला में करारी शिकस्त दी है. कांग्रेस ने 5 में से 4 सीटें जीत कर 29 साल के बाद इतिहास को दोहराया है. कांग्रेस की इस जबरदस्त जीत के बीच ऊना सदर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के सतपाल सिंह सत्ती ने चौथी बार विधानसभा में प्रवेश किया.
Una Assembly Election 2022: उम्मीदवारों की लिस्ट
सतपाल सिंह सत्ती- भाजपा
सतपाल रायजादा- कांग्रेस
राजीव गौतम- आप
चंद्रमोहन- निर्दलीय
कमल कुमार- निर्दलीय
रमेश चंद- बहुजन समाज पार्टी
Una Assembly Election 2022: पिछला चुनाव: साल 2017 विधानसभा चुनाव में ऊना में 6 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. यहां कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार ने भाजपा उम्मीदवार को हराकर जीत दर्ज की. इससे पहले साल 2003 से लगातार यह सीट भाजपा के हिस्से आती रही है. बता दें कि साल 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा के सतपाल सिंह 28164 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे.
20 साल से हरोली पर कांग्रेस का कब्जा: हॉट सीट हरोली पर कांग्रेस के मुकेश अग्निहोत्री और भाजपा के प्रो. राम कुमार के बीच मुकाबला है. जिस पर पिछले 20 साल से कांग्रेस का कब्जा है. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री यहां से लगातार 4 बार जीत चुके हैं. यह उनका 5वां चुनाव है. वह 2012 और 2017 में भाजपा के राम कुमार को हरा चुके हैं. भाजपा ने तीसरी बार फिर राम कुमार को मुकेश अग्निहोत्री के मुकाबले में उतारा है. जो सरकार में सामान्य उद्योग निगम के उपाध्यक्ष रहे हैं.
भाजपा के राम कुमार को बल्क ड्रग पार्क का सहारा:वहीं, मुकेश अग्निहोत्री कांग्रेस के बड़े चेहरे हैं. प्रचार में कार्यकर्ता CM के नाम पर उनके लिए जनता से समर्थन मांग रहे हैं. जबकि, भाजपा के राम कुमार को बल्क ड्रग पार्क का सहारा है. साथ ही उन्हें भाजपा के असंतुष्ट भी मुश्किलें पैदा कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी के रविंद्र मान और बसपा के नरेश कुमार भी चुनाव प्रचार में डटे हैं.
ऊना सीट पर दो ठाकुरों के बीच चुनाव जंग:इस सीट पर चुनावी जंग दो ठाकुरों के बीच में हैं. इस पर अभी कांग्रेस का कब्जा है. इस बार कांग्रेस ने सतपाल रायजादा और भाजपा ने सतपाल सत्ती पर दांव खेला है. पिछली बार सतपाल रायजादा ने भाजपा के सतपाल सत्ती को हराकर सबको चौंका दिया था. दोनों प्रतिद्वंदी एक बार फिर आमने-सामने हैं. जहां सतपाल सत्ती 5 साल में हुए विकास को मुद्दा बना रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के सतपाल रायजादा अपनी कारगुजारी का जनता को हिसाब दे रहे हैं. आप ने यहां से राजीव गौतम भी टिकट दिया है. जो पूर्व विधायक वीरेंद्र गौतम के बेटे हैं.
कुटलैहड़ सीट पर 32 वर्षों से भाजपा काबिज: इस बार भाजपा प्रत्याशी एवं ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने नए चेहरे देवेंद्र कुमार भुट्टो को चुनाव मैदान में उतारा है. जो कभी वीरेंद्र कंवर के दाहिने बाजू रहे हैं. पिछले 5 साल से कांग्रेस में हैं. यहां वीरेंद्र कंवर लगातार 4 बार विधायक हैं. यह उनका 5वां चुनाव है. लगभग 32 वर्षों से कुटलैहड़ विधानसभा में भाजपा का कब्जा है. इसे ऊना जिले में भाजपा का सबसे मजबूत दुर्ग माना जाता है. यहां कांग्रेस अपनों की वजह से चुनाव में हारती रही है. इस बार कांग्रेस के नए चेहरे देवेंद्र कुमार भुट्टो उन्हें कितनी चुनौती पेश करते हैं, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं. फिलहाल उन्हें असंतुष्टों को प्रचार में साथ चलाने की चुनौती है. कई नेता अभी प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं.
चिंतपूर्णी सीट पर फिलहाल भाजपा का कब्जा: चिंतपूर्णी आरक्षित सीट पर अभी भाजपा का कब्जा है. इस बार भाजपा ने यहां फिर से बलबीर चौधरी पर भरोसा किया है. जबकि, कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप कुमार का टिकट काटकर युवा चेहरे सुदर्शन बबलू पर दांव खेला है. जो कांग्रेस सेवादल यंग ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. शुरुआती दौर में भाजपा के बलबीर चौधरी को चुनौती देने के साथ-साथ कांग्रेस के सुदर्शन बबलू अपनों से भी जूझना पड़ा रहा है.
गगरेट सीट पर दूसरी बार BJP के राजेश ठाकुर मैदान में: गगरेट विधानसभा पर भाजपा का कब्जा है. भाजपा के राजेश ठाकुर दूसरी बार फिर से चुनाव मैदान हैं. जबकि, इस बार कांग्रेस ने राकेश कालिया की जगह नए चेहरे चैतन्य शर्मा पर दांव खेला है. चैतन्य शर्मा लोअर भंजाल वार्ड से जिला परिषद सदस्य हैं और उत्तराखंड के पूर्व चीफ सेक्रेटरी के बेटे हैं. फिलहाल कांग्रेस के चैतन्य शर्मा को पहले रूठों को मनाकर साथ चलाने की चुनौती है. क्योंकि पूर्व विधायक राकेश कालिया अभी उनके साथ नहीं आए हैं.