दो ठाकुरों की जंग में किसके सिर बंधेगा जीत का सेहरा.. क्या पिछली हार का बदला ले पाएगी BJP?
ऊना विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण सीटों में शामिल है. यहां 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सतपाल सिंह रायजादा को जीत मिली थी. सीट से तीन बार जीत हासिल करने वाले बीजेपी के सतपाल सिंह सत्ती को हार का सामना करना पड़ा था. इस बार भी इन दोनों के बीच ही मुख्य मुकाबला देखने को मिलेगा. जानें सीट का समीकरण.. (Himachal Election Result 2022)
चंबा, डलहौजी और खजियार में सैलानियों की बढ़ी आमद, सुहावने मौसम का मजा ले रहे टूरिस्ट
हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में हुई बर्फबारी के बाद पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी है. शिमला के साथ ही चंबा, मनाली और लाहौल स्पीति की ओर पर्यटक रुख करने लगे हैं. चंबा जिले में इस साल 3 लाख से अधिक सैलानी घूमने आ चुके हैं. (Tourists are coming to Dalhousie and Khajjiar) (Tourist Places In Chamba)
शाबाश हमीरपुर: स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में हमीरपुर देश में तीसरे नंबर पर
स्वच्छ भारत मिशन में हमीरपुर ने देश में नाम रोशन किया है. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में हमीरपुर को देश में तीसरा और प्रदेश में पहला स्थान मिला है.(hamirpur at number three in swachh bharat mission rural)
श्री रेणुका जी सीट: दो रिश्तेदारों के बीच टक्कर, विनय लगाएंगे हैट्रिक या नारायण की होगी एंट्री
श्री रेणुका जी सीट पर मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है. दिवंगत नेता प्रेम सिंह के पुत्र विनय कुमार को कांग्रेस पार्टी ने यहां से लगातार तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा. जबकि नए चेहरे के तौर पर भाजपा ने नारायण सिंह को पहली बार यहां से पार्टी प्रत्याशी बनाया. लिहाजा मतदान के बाद से ही लोगों के बीच चर्चाओं का माहौल गर्म है कि क्या विनय कुमार तीसरी बार चुनाव में हैट्रिक लगाने में कामयाब होंगे या फिर नारायण सिंह की पहली बार विधानसभा में एंट्री होगी. (Shri Renuka Ji Seat)
एसीएस प्रबोध सक्सेना को राहत, दागी अफसरों की लिस्ट में नाम डालने से जुड़ा आवेदन वापस
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में प्रबोध सक्सेना का नाम दागी अफसरों की सूची में नाम डालने से जुड़े मामले में आवेदनकर्ता ने अपना आवेदन वापस ले लिया. आवेदनकर्ता के इस कदम से अदालत में ये मामला स्वत: खत्म हो गया है. इस तरह प्रबोध सक्सेना को राहत मिली है. उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट में प्रबोध सक्सेना का नाम ओडीआई यानी ऑफिसर्स विद डाउटफुल इंटेग्रिटी में न डालने के खिलाफ हाई कोर्ट में आवेदन दाखिल किया गया था.