ऊना:हिमाचल प्रदेश के ऊना जिलेमें टीबी के कारण साल 2023 में 57 लोगों की जान जा चुकी है. खतरनाक हो रही इस बीमारी को रोकने के लिए जिला स्तरीय टीबी उन्मूलन समिति की त्रैमासिक बैठक की गई. जिसमें इस आंकड़े को लेकर व्यापक विचार मंथन किया गया. बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने की और उन्होंने कहा कि टीबी रोगियों को चिन्हित करने के लिए जिला के विभिन्न स्थलों पर जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाना चाहिए. शिविरों में लोगों को टीबी रोग के लक्षणों के बारे में जानकारी दें. महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करेगा. जिले को टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से टेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि टीबी मरीजों की पहचान करके उनका समय रहते ईलाज संभव हो सके.
एडीसी ने बताया कि वर्ष 2023 के दौरान जिला में 720 का लक्ष्य रखा गया था, जिसके विपरीत 819 क्षय रोगी दर्ज़ किये गये. इसके अलावा वर्ष 2023 में जिला के 57 क्षय रोगियों की मृत्यु भी दर्ज की गयी. इसी को देखते हुए अतिरिक्त उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसके ऊपर विशेष ध्यान देने और मृत्यु दर को जिला में कम करने के लिए उचित दिशा निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि क्षय रोग मुक्त के लिए जिला ऊना में 245 पंचायतों में से 88 पंचायतों को क्षयरोग मुक्त पंचायत के लिए चिन्हित किया गया है, जिसमें प्रति हजार लोगों में से 30 लोगों की क्षय रोग हेतु जांच की गई, प्रति हजार 1 क्षय रोगी या उससे भी कम पाया गया. हर रोगी को निक्षय पोषण योजना का लाभ क्षय रोगी को दिया गया और उस पंचायत में क्षय रोग का इलाज की सफलता दर 85 प्रतिशत से ज्यादा है, ऐसी पंचायतों को क्षय रोग मुक्त पंचायत हेतु चिन्हित किया गया.