ऊना: हिमाचल प्रदेश गौहत्या रोकथाम अधिनियम के तहत गौहत्या पर पांच साल के कठोर कारावास अथवा 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है. आवश्यकता अनुसार प्रदेश सरकार अधिनियम में संशोधन करेगी और कानून को और कड़ा किया जा सकता है.
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने जानकारी देते हुए कहा कि गुरुवार को बचत भवन में जिला स्तरीय पशु कल्याण समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही, बैठक में जिला के गौ सदन संचालक शामिल हुए.
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कुछ वाहन चालक जानबूझ कर सड़क पर गौवंश को टक्कर मारते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है. ऐसे मामलों को भी गौ हत्या ही माना जाएगा. कैबिनेट मंत्री ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए.
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि एक अगस्त से गौ सदन संचालकों को प्रदेश सरकार की ओर से प्रत्येक माह 500 रुपये प्रति गाय की राशि मिलना शुरू हो जाएगी.
बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान, लोगों व संस्थाओं को इन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गौ सदनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिसे आने वाले समय में बढ़ाया जाएगा.
इस राशि का लाभ लेने के लिए गौ सदन संचालक जल्द से जल्द सभी औपचारिकताओं को पूरा करें और सोसाइटी बनाकर उसमें दो सरकारी सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल करें.
स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद से सड़क से गौवंश को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि गौशाला और घरों में रखे जाने वाले सभी पशुओं की टैगिंग की जाएगी ताकि उनका पूरा रिकॉर्ड विभाग के पास रहे.