उद्घाटन के 7 माह बाद भी मातृ शिशु अस्पताल ऊना में ओपीडी शुरू नहीं हुई ऊना: जिला ऊना में मदर चाइल्ड हॉस्पिटल बन कर तो तैयार हो गया है, लेकिन इसकी सुविधा अभी तक किसी को नहीं मिली है. बता दें कि अक्टूबर 2022 में जनता को समर्पित किया गया ऊना का मदर चाइल्ड हॉस्पिटल अधर में लटक गया है. उद्घाटन के करीब 7 महीने बीत जाने के बावजूद इस अस्पताल में मरीजों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. हालत यह है कि 7 महीने बीत जाने के बाद भी अस्पताल में बिजली का कनेक्शन तक नहीं है. चिकित्सा विभाग इसमें पूरी तरह नाकाम रहा है. बजट की कमी के चलते अस्पताल में मरीजों के लिए ओपीडी सेवा तक शुरू नहीं हुई है.
मदर चाइल्ड अस्पताल के शुरु न हो पाने के कारण क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में भारी भीड़ के चलते एक तरफ जहां रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, चिकित्सकों को भी अपने काम करने में कई प्रकार की परेशानियां आड़े आ रही हैं. हालत यह है कि क्षेत्रीय अस्पताल ऊना के भवन में चिकित्सकों को ओपीडी में बैठने तक के कमरे उपलब्ध नहीं हैं. हालांकि चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का दावा है कि बजट का प्रावधान हो गया है और महज 2 महीने में मदर चाइल्ड हॉस्पिटल को सुचारु रुप से जनता को समर्पित कर दिया जाएगा.
ऊना जिला मुख्यालय पर करोड़ों रुपये की लागत से तैयार किया गया मदर चाइल्ड अस्पताल उद्घाटन के 7 महीने बाद भी रोगियों को कोई सेवा प्रदान नहीं कर पा रहा है. अस्पताल भवन में पेंडिंग चल रहे छोटे-छोटे काम अभी भी पूरे नहीं हो पाए हैं. जिसका सीधा कारण कई कार्यों के लिए समय पर बजट उपलब्ध नहीं करवाना माना जा रहा है. कुल मिलाकर अस्पताल की मूलभूत सुविधा बिजली आपूर्ति यहां पर अभी तक नहीं मिल पाई है. मदर चाइल्ड हॉस्पिटल की बहु मंजिला इमारत में लिफ्ट का काम अब जाकर पूरा हुआ है. जबकि अस्पताल परिसर में सेंट्रलाइज्ड एसी इंस्टॉलेशन भी उम्मीद से बेहद कम रफ्तार में किया जा रहा है.
सुरक्षा की दृष्टि से बेहद अहम समझे जाने वाले फायर हाइड्रेंटस भी अभी तक अस्पताल भवन में लगना शेष हैं. जबकि सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉल करने का काम भी ठंडे बस्ते में ही चल रहा है. जिला के नए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मा का कहना है कि सरकार को इन सभी कमियों के संबंध में अवगत कराया गया है और बजट का प्रावधान भी हो गया है. उन्होंने कहा कि महज 2 महीने के भीतर तमाम कामों को पूरा करते हुए अस्पताल भवन को मरीजों के लिए पूरी तरह समर्पित करते हुए ओपीडी और इंडोर की व्यवस्थाएं भी शुरू की जाएगी.
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