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8 जून से खुल सकते हैं माता चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट, बरतनी होगी सावधानियां

केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन पर हिमाचल प्रदेश के मंदिरों के कपाट खुल सकते है. गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के बीच 6 फीट की दूरी रखना अनिवार्य रहेगा. मंदिर के बाहर प्रसाद की दुकानें खुल सकती हैं, लेकिन श्रद्धालुओं को प्रसाद बेचने पर पूरी तहर से प्रतिबंध रहेगा.

mata chintpurni temple may open on eight june
8 जून से खुल सकते है माता चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट.

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Published : Jun 6, 2020, 1:57 PM IST

ऊना:केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन पर हिमाचल प्रदेश के मंदिरों के कपाट जल्द खुल सकते हैं, जिसे लेकर हिमाचल सरकार भी जल्द गाइडलाइन जारी कर सकती है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के बीच 6 फीट की दूरी रखना अनिवार्य रहेगा और मंदिर में प्रसाद बांटने पर प्रतिबंध रहेगा. मंदिर में पुजारी की ओर से श्रद्धालुओं पर आशीर्वाद के रूप में जल छिड़कने पर भी पूरी तरह से रोक लगाई गई है.

वहीं, मंदिर में लंगर बनाने की अनुमति होगी, लेकिन लंगर खिलाने के वक्त कुछ सावधानियां बरतनी होगी. लंगर प्रसाद खिलाने के लिए बिठाए गए लोगों में 6 फीट या 2 मीटर की उचित दूरी रखकर ही लंगर खिलाया जा सकता है. खाने के लिए इस्तेमाल होने वाले बर्तनों की सफाई की उचित व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे कोई संक्रमण फैलने के आसार न रहें. मंदिर के बाहर प्रसाद की दुकानें खुल सकती हैं, लेकिन श्रद्धालुओं को प्रसाद बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा.

वीडियो रिपोर्ट.

इसके साथ ही मंदिर में 65 साल के व्यक्ति, 10 साल से छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं के आने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है. इसके बावजूद अगर कोई श्रद्धालु मंदिर जाना चाहता है तो वह खुद की जिम्मेदारी पर जा सकता है. वहीं, 8 जून को 84 दिन बाद मंदिर के कपाट खुल सकते हैं.

कोरोना चलते धार्मिक स्थलों को किया गया था बंद

बता दें कि देशभर में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन व कर्फ्यू लागू किया गया था. इसके बाद प्रदेश के सभी जिलों में भी पूरी तरह से लॉकडाउन लगाया गया था. सार्वजनिक स्थलों, धार्मिक स्थलों के कपाट और वाहनों की आवाजाही पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी. इसके चलते प्रदेश के कई लोग बाहरी राज्यों में फंसे हुए थे और बाहरी राज्यों के लोग हिमाचल में फंसे गए थे, जिन्हें सरकार ने प्रबंध कर उनके घर वापस पंहुचाया है. इसके साथ ही कई हिमाचलियों को भी प्रदेश वापस लाया गया है.

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