ऊना: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुए शाहदत पाने वाले शहीद जवान अनिल जसवाल का बुधवार देर शाम राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव सरोह में अंतिम संस्कार किया गया.
शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव पहुंचा तो सारे इलाके का माहौल गमगीन हो गया. शहीद के माता-पिता और पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. गांव के श्मशान घाट में शहीद अनिल जसवाल का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. वहां मौजूद हजारों नम आंखों ने शहीद को अंतिम विदाई दी. सेना के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी.
शहीद के पिता अशोक कुमार ने सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने को कहा है. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ है और मुझे उसकी शहादत पर फक्र है. पिता अशोक कुमार ने कहा कि वो अपने पोते को बड़ा होने पर देश की सेवा के लिए फौज में भेजेंगे. शहीद अनिल की माता अनिता और बहन अपने बेटे की शहादत का बदला लेने की बात कहती रहीं.
वहीं, शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इस दुख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार शहीद के परिवार के साथ खड़ी है. उन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से शहीद के परिवार को 20 लाख रुपये की सहायता राशि और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया.
राजकीय सम्मान के साथ शहीद अनिल का हुआ अंतिम संस्कार बता दें कि सोमवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ एक ऑपरेशन चलाया था. यह ऑपरेशन करीब 12 घंटे तक चला, जिसमें एक आतंकी मारा गया. इस मुठभेड़ में सेना का एक मेजर दो जवान मौके पर शहीद हो गए थे. अनिल कुमार जसवाल को भी आतंकियों की गोली लगी थी. उन्हें इलाज के लिए आर्मी अस्पताल लाया गया था, लेकिन यहां पर उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
अनिल जेक रायफल के सिपाही थे. वो अपने पीछे पत्नी और पांच महीने के बच्चे को छोड़ गए हैं. शहीद जवान छह साल पहले ही फौज में भर्ती हुए थे. बताया जा रहा है शहीद अनिल कुमार 2 सप्ताह पहले ही छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटे थे. उनकी शहादत के बाद पूरे इलाके में शोक का माहौल है. अनिल की दो साल पहले ही शादी हुई थी और उनका पांच महीने का एक बच्चा भी है.