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एथेनॉल प्लांट तक सड़क के लिए 10 दिनों के भीतर भूमि अधिग्रहण करने के निर्देश, ऊना में स्थापित होगा 500 करोड़ का प्लांट - Himachal Pradesh News

जिला ऊना में 500 करोड़ रुपये की लागत से एथेनॉल प्लांट बन रहा है. जिसके लिए राज्य सरकार ने प्रशासन को भंजल से संपर्क सड़क बनाने के लिए 10 दिनों के भीतर भूमि अधिग्रहण कार्य शुरू करने को कहा है. पढ़ें पूरी खबर...

500 crore plant will be established in Una
ऊना में स्थापित होगा 500 करोड़ का प्लांट.

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Published : Jun 6, 2023, 7:58 PM IST

शिमला: प्रदेश सरकार ने ऊना में स्थापित होने वाले एथेनॉल प्लांट के लिए सभी बाधाओं को जल्द दूर करने के आदेश प्रशासन को दिए हैं. प्लांट तक सड़क बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण 10 दिनों के भीतर पूरा करने के निर्देश भी प्रशासन को दिए गए हैं. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है कि सरकार प्लांट की स्थापना के लिए हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को आ रही सभी बाधाओं को दूर किया जा रहा है. जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि प्लांट के निर्माण में आ रही सभी बाधाओं को जल्द से जल्द दूर किया जाए. प्रशासन को भंजल से संपर्क सड़क बनाने के लिए 10 दिनों के भीतर भूमि अधिग्रहण कार्य शुरू करने को कहा गया है.

30 एकड़ भूमि पर 500 करोड़ से लगाया जा रहा है प्लांट:एथेनॉल प्लांट हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) द्वारा 500 करोड़ रुपये की लागत से 30 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा. हिमाचल की सुखविंदर सरकार ने इस प्रोजेक्ट में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी (इक्विटी) निवेश करने पर सहमति व्यक्त की है. इथेनॉल उत्पादन के लिए चावल, गन्ना और मक्का का इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाएगा.

प्रवक्ता ने कहा है कि यह प्लांट इस क्षेत्र के किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में मददगार साबित होगा क्योंकि प्लांट के लिए कच्चा माल कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिलों से खरीदा जाएगा. इसके अलावा यह प्लांट कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और प्रदेश के अन्य हिस्सों के स्थानीय लोगों और किसानों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगा. इस प्लांट के स्थापित होने से क्षेत्र के लगभग 300 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. यह परियोजना राज्य में तीव्र गति से विकास सुनिश्चित करेगी और प्रदेश को जीएसटी के रूप में सरकारी खजाने के लिए 20 से 25 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व मिलेगा.

वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करने में भी करेगा मदद: दरअसल इथेनॉल एक पारदर्शी और रंगहीन तरल है. इसे इथाइल अल्कोहल, ग्रेन अल्कोहल के रूप में भी जाना जाता है. यह स्टार्च या चीनी-आधारित फीड स्टाक मक्की के दाने, गन्ना, फसल के अनुपयोगी पदार्थों जैसे सेल्युलोसिक फीड स्टाक से उत्पादित किया जाता है. अनाज के कच्चे माल से उत्पन्न होने वाले इथेनॉल को पेट्रोल और डीजल में मिलाया जाता है. हिमाचल में इथेनॉल तैयार होने से यह वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा जिससे राज्य में पर्यावरण संरक्षण को मदद भी मिलेगी.

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