ऊनाः रेलवे की भूमि से अवैध निर्माण हटाए जाने के बाद बेघर हुए कुष्ठ रोगियों को डेढ़ साल बाद आशियाने मिल गए हैं. डेढ़ साल कुष्ठ रोगी गर्मी, सर्दी और बरसात में खुले आसमान के नीचे समय गुजारने को विवश थे, लेकिन जिला प्रशासन ने पहल करते हुए कुष्ठ रोगियों के लिए करीब 20 परिवारों को बसाने के लिए तीन कनाल भूमि आवंटित की थी.
इसी भूमि पर विभिन्न विभागों के सहयोग से कुष्ठ रोगियों के लिए प्रीफैबरीकेटेड ढांचे से रहने की व्यवस्था की गई. पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने छिन्मस्तिका कुष्ठ आश्रय स्थल का उदघाटन किया. नए घर मिलने पर कुष्ठ रोगियों के चेहरों पर रौनक आ गई है.
बता दें कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व हाईकोर्ट के आदेशों के बाद रेलवे की भूमि पर बनाए गए अवैध निर्माण को तोड़ा गया था. जिसमें चार मंदिर, एक गौशाला, एक सरकारी स्कूल और एक कुष्ठ आश्रम शामिल थे. अवैध कब्जे हटाए जाने के बाद सबसे ज्यादा नुकसान कुष्ठ आश्रम का ही हुआ था.
इस आश्रम में 20 के करीब परिवार रह रहे थे. जिससे ये सभी परिवार सर्दी और गर्मी में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए थे, लेकिन राकेश कुमार प्रजापति द्वारा ऊना में पदभार ग्रहण करने के बाद ही कुष्ठ रोगियों को छत मुहैया करवाने की दिशा में विशेष कदम उठाने शुरू कर दिए थे.