ऊना:हिमाचल सरकार लॉकडाउन के कारण अपना कारोबार या नौकरियां खोकर अन्य राज्यों से वापिस आए हिमाचल के लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने का प्रयास करेगी. यह प्रयास सरकार पशुपालन और ट्राउट मछली पालन के माध्यम से करने का दावा कर रही है.
ऊना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ठंडे पानी में पैदा होने वाली ट्राउट मछली के उत्पादन केंद्र को बड़े पैमाने पर विकसित किए जाने का दावा करते हुए सैकड़ों नौजवानों को रोजगार दिए जाने की बात कही. इसके अलावा हिमाचल सरकार सबसे महंगी बिकने वाली ट्राउट मछली को एक विशेष ब्रांड के साथ बाजार में उतारने की भी तैयारी में है.
कोरोना महामारी का पूरे देश की आर्थिकी पर बहुत बुरा असर पड़ा है. इससे देश के सभी राज्य पीड़ित हुए है. हिमाचल प्रदेश भी इससे अलग नहीं है. यहां के लोग भारी संख्या में देश के अन्य हिस्सों में नौकरियां और कारोबार करते हैं, लेकिन कोरोना के कारण लॉकडाउन में बड़ी संख्या में लोग अपना कारोबार व नौकरियां छोड़कर हिमाचल वापस आ रहे हैं.
सरकार के लिए बाहरी राज्यों से आए लोगों को रोजी रोटी उपलब्ध करवाना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन राज्य सरकार ने इस चुनौती को भी स्वीकार किया है. सरकार ने इस चुनौती का सामना करते हुए लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने का दावा किया है और इसके लिए केंद्र से मिलने वाले फंड को प्रयोग किए जाने का दावा भी किया है. सरकार ने इस योजना के तहत पशुपालन और मछली पालन को स्वरोजगार के रूप में उपलब्ध करवाने का दावा किया है.