ऊना: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों (Himachal Assembly Election 2022) से पहले पक्ष विपक्ष के नेताओं के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई है. एक तरफ जहां तापमान में हो रही बढ़ोतरी से हिमाचल तपने लगा है. वहीं, राजनीतिक नेताओं ने भी हिमाचल को तपिश देने में कोई कमी नहीं छोड़ी है. ऊना जिले के सदर विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है.
एक तरफ जहां कांग्रेसी विधायक प्रदेश सरकार को निकम्मा करार दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ भाजपा के नेता विधायक से उनके साढ़े 4 साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा मांग रहे हैं. विधायक रायजादा द्वारा (Satpal Satti on Satpal Raizada) भाजपा नेताओं पर नारियल फोड़ने के लिए थैला साथ लेकर चलने के बयान पर पलटवार करते हुए वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने (Himachal Finance Commission Chairman Satpal Satti) कहा कि ऊना सदर के विधायक पहले ऐसे विधायक हैं. जिन्हें अपने ही हलके में हो रहे विकास कार्यों से ऐतराज है.
वित्त आयोग अध्यक्ष सतपाल सत्ती. वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि जनता द्वारा चुना गया प्रतिनिधि विकास को प्राथमिकता देता है. लेकिन यहां के विधायक विकास कार्यों को देख कर अपना संतुलन बराबर नहीं रख पा रहे. सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि यदि विधायक को विधानसभा क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों से इतनी एलर्जी है, तो वह मुख्यमंत्री को लिखकर दें कि उनके विधानसभा क्षेत्र में कोई उद्घाटन और शिलान्यास न होने पाए, न इस विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री आए, न केंद्रीय मंत्री और न ही मैं किसी उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम में शिरकत करूंगा.
उन्होंने कहा कि विधायक इस संबंध में सरकार को वह नियम भी जरूर लिखकर बताएं जिसके तहत लोकार्पण और शिलान्यास को रोका जा सकता है. सतपाल सिंह सत्ती ने विधायक रायजादा को चुनौती देते हुए कहा कि विधायक अपने कार्यकाल का लेखा-जोखा लेकर सार्वजनिक स्थल पर आएं, क्योंकि जनता ने उन्हें विधायक बनाया था. वह उसी जनता को अपने कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्र के लिए किए गए काम बताएं.
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