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कोरोना का साइड इफेक्ट: ऊना में आलू उत्पादकों को न मिल रहे मजदूर न बिक रहा आलू

ऊना में आलू किसान उत्पादक इस बार कोरोना वायरस के चलते आलू को आसमान के नीचे रखने पर मजबूर हो गए हैं. इस समय तक आलू के व्यापारी उत्तर भारत की मंडियों से आकर आलू किसानों से खरीद लेते थे, लेकिन इस बार अभी तक कोई नहीं आया.

Una farmers forced to put potatoes in the fields under the open sky
किसानों को खुले आसमान के नीचे ही खेतों में आलू के ढ़ेर लगाने को मजबूर

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Published : Apr 16, 2020, 4:24 PM IST

ऊना:यहां की पहचान आलू से भी की जाती है. यहां आलू अच्छी किस्मों का बढ़े पैमाने पर होता है. इसलिए आलू हब कहकर भी लोग पुकारते हैं. यहां के आलू की डिमांड उतर भारत की मंडियों में बहुत ज्यादा रहती है. हमेशा आलू का व्यापार करने वाले इस समय बड़ी संख्या में यहां आकर डेरा डाल लेते थे, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते इस बार हालत खराब है.

आलू उत्पादक किसान इस समय आलू बेचकर फ्री हो जाते थे, लेकिन इस बार किसानों को आसमान के नीचे ही आलुओं को रखने पर मजबूर होना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि इस बार क्या होगा कहा नहीं जा सकता. जल्दी हालत सुधर जाए तो ठीक नहीं तो भगवान ही मालिक रहेगा इस बार. आलू खेतों पर ही खुले आसमान के नीचे रखने पर मजबूर होना पड़ रहा है और रखवाली अलग से करना पड़ रही है. वहीं, अगर मौसम ने एक बार फिर मिजाज बदला तो आसमान के नीचे ही आलू खराब हो जाएगा.

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न मिल रहे मजदूर न बिक रहा आलू

किसानों का कहना है कि खेतों में काम करने के लिए मजदूर भी नहीं मिल रहे. ऐसे में खुद ही काम करना पड़ रहा है. एक गाड़ी भरकर भेजी गई, लेकिन आलू नहीं बिकने से व्यापारी परेशान हैं. व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण लोग मंडियों में कम ही पहुंच रहे हैं.

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