ऊना: वन रैंक वन पेंशन-2 के मुद्दे को लेकर पूर्व सैनिक संघर्ष के रास्ते पर निकल पड़े हैं. इतना ही नहीं पूर्व सैनिकों ने 11 मार्च को वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे को लेकर दिल्ली कूच करने का भी ऐलान कर दिया है. बुधवार को ऊना जिला मुख्यालय के एमसी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ ही पूर्व सैनिकों ने 'वन रैंक वन पेंशन पार्ट टू, दोषी कौन' टाइटल के साथ अपने संघर्ष का बिगुल फूंक दिया.
पूर्व सैनिकों का आरोप है कि पेंशन में भारी विसंगतियां सेना के अफसरों की देन है. वहीं, सरकार भी इस मुद्दे पर केवल मात्र अफसरों का अनुसरण कर रही है, जबकि इस अनदेखी के चलते पूर्व सैनिकों के साथ भारी अन्याय हो रहा है. पूर्व सैनिकों का आरोप है कि सेना में हर ऑपरेशन के दौरान सैनिक भी अफसरों के कंधे से कंधा मिलाकर काम करते आए हैं, लेकिन जब बारी पेंशन की आती है तो अफसरों और पूर्व सैनिकों को अलग नजर से देखा जाता है और यही कारण है कि पूर्व सैनिक अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. पूर्व सैनिकों का आरोप है कि वन रैंक वन पेंशन का यह बहुत बड़ा घोटाला है. जिसको लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक आवाज बुलंद की जाएगी.
वन रैंक वन पेंशन मुद्दे को लेकर पूर्व सैनिकों ने एक बार फिर संघर्ष का रास्ता चुना है और बुधवार को जिला भर से पूर्व सैनिकों ने एमसी पार्क स्थित शहीद स्मारक पहुंचकर इस मामले को लेकर अपने संघर्ष का बिगुल फूंका. पूर्व सैनिकों का आरोप है कि वन रैंक वन पेंशन के पार्ट-2 में उनके साथ धोखा किया गया है और यह धोखा खुद सेना के अफसरों द्वारा किया गया है, जबकि सरकार को कई मर्तबा इस मामले में सचेत किए जाने के बावजूद सरकार केवल मात्र अफसरों की ही सुनवाई कर रही है.