ऊना: वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 को लेकर चल रहे संघर्ष के बीच पूर्व सैनिकों ने आंदोलन को धार देने का काम शुरू कर दिया है. शनिवार को जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में पूर्व सैनिक संघर्ष संगठन की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 को लेकर चल रहे आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के साथ-साथ आगामी रणनीतियां तय की गई हैं. संघर्ष संगठन के अध्यक्ष कैप्टन शक्ति चंद की अगुवाई में एकत्रित हुए पूर्व सैनिकों ने पेंशन विसंगति दूर करने के लिए आवाज बुलंद की.
पूर्व सैनिकों का आरोप है कि सरकार और सेना के अफसरों द्वारा सैनिक से लेकर जेसीओ स्तर के पूर्व सैनिकों के साथ पेंशन मामले में बेहद अन्याय किया गया है. हालत यह है कि यदि युद्ध के दौरान किसी सैनिक और अफसर का अंग कट जाता है तब भी सामान्य सैनिक को मुआवजे में भारी-भरकम अन्याय पूर्ण फैसला सुनाया जाता है. पूर्व सैनिकों ने ऐलान किया कि वर्ष 2024 तक एक बड़ा आंदोलन देश में खड़ा किया जाएगा. जिसमें सभी पूर्व सैनिकों को शामिल करते हुए सरकार की कुंभकरणी नींद को खोला जाएगा.
वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 मामले को लेकर चल रहे आंदोलन को पूर्व सैनिकों द्वारा और धार दी जाएगी. शनिवार को जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में पहुंचे पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 आंदोलन के लिए रणनीति बनाई. इस मौके पर पूर्व सैनिक संघर्ष संगठन के अध्यक्ष कैप्टन शक्ति चंद ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि दिल्ली के जंतर मंतर में चल रहे पूर्व सैनिकों के संघर्ष में करीब 2000 हिमाचली पूर्व सैनिक पहुंचे थे. इस मामले में आगे भी आंदोलन जारी रखा जाएगा और हिमाचल प्रदेश से वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जाएगी.