ऊना:वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर के बीच जिला ऊना में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों और मौतों के आंकड़ों को देखते हुए प्रशासन मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए बेड क्षमता बढ़ाने में जुट गया है.
ऊना जिला प्रशासन द्वारा जिला में बेड क्षमता बढ़ाने के लिए अब निजी अस्पतालों को कोविड केयर हेल्थ सेंटर के तौर पर प्रयोग करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं, जिला के सभी उपमंडलों के सरकारी भवनों में भी कोविड सेंटर बनाने की संभावनाएं तलाशी जा रही है.
नंदा अस्पताल को सेकेंडरी लेवल कोविड केयर हेल्थ सेंटर का दर्जा
इसी कड़ी में प्रशासन ने जिला मुख्यालय पर स्थित नंदा अस्पताल को सेकेंडरी लेवल कोविड केयर हेल्थ सेंटर का दर्जा प्रदान कर दिया गया है. इसी विषय को लेकर डीसी ऊना राघव शर्मा ने नंदा हॉस्पिटल के संचालक सहित प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों संग बैठक भी की.
सरकारी भवनों में कोविड हेल्थ सेंटर बनाने की दिशा में काम करना शुरू
कोरोना संक्रमितों के लिए बेड क्षमता बढ़ाने को लेकर जिला प्रशासन ने कदमताल तेज कर दी है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जिला में निजी अस्पतालों के साथ-साथ सरकारी भवनों में कोविड हेल्थ सेंटर बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है.
कोरोना मरीजों के लिए अतिरिक्त बेड की व्यवस्था
प्रशासन द्वारा अब तक जिला में विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया चुका है. जिसमें से अजौली के डॉ. शेरगिल अस्पताल, बाथू के कॉमन फेसिलिटी सेंटर, बाबा ढांगूवाले बीटन अस्पताल, अंबोटा पॉलीटेक्निक कॉलेज और दौलतपुर चौक में लक्खी अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने के लिए निरीक्षण किया जा चुका है.
जिला में विभिन्न निजी अस्पतालों और सरकारी भवनों के निरीक्षण के बाद आज डीसी ऊना ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों संग एक बैठक करके आगामी रुपरेखा तैयार की. फिलहाल जिला प्रशासन द्वारा जिला मुख्यालय पर स्थित निजी अस्पताल नंदा हॉस्पिटल को सेकेंडरी लेवल कोविड केयर हेल्थ सेंटर का दर्जा प्रदान कर दिया है.
डीसी ऊना राघव शर्मा ने कहा कि अभी तक जिला में कोरोना के मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं, लेकिन बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन आने वाले दिनों की तैयारी में लगा हुआ है.
ये भी पढ़ें-कांगड़ा: RSS के स्वयंसेवक ने कोविड-19 से निपटने के लिए दी करीब 83 लाख रुपये की दवाईयां