शिमला: एशिया के फार्मा हब कहे जाने वाले हिमाचल को दुनिया का फार्मा हब बनाने के लिए बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट पर हिमाचल सरकार तेजी से काम कर रही है. ये प्रोजेक्ट 1923 करोड़ रुपए का है. इस प्रोजेक्ट के जरिए प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से पचास हजार के करीब रोजगार सृजित होंगे. हिमाचल के ऊना जिले के हरोली विधानसभा क्षेत्र में तैयार होने वाले इस पार्क के लिए राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार भी गंभीरता से काम कर रही है.
खुद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू व डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री सहित उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान इस प्रोजेक्ट को हर संभव सहयोग देने के लिए काम कर रहे हैं. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के तो अपने विधानसभा क्षेत्र में ये पार्क बन रहा है. वे भी उत्सुकता से इस प्रोजेक्ट की हर डवलपमेंट पर नजर रख रहे हैं. हरोली के पोलियां बीत इलाके में ये पार्क बनेगा. इसके लिए आधारभूत ढांचे सहित अन्य सुविधाएं जुटाने को प्राथमिकता दी जा रही है. राज्य सरकार के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान बल्क ड्रग पार्क परियोजना की राज्य यानी स्टेट इंप्लीमेंटिंग एजेंसी की बैठक ले चुके हैं. उस बैठक में कई अहम फैसले हुए थे, जिनकी निरंतर समीक्षा की जा रही है.
राज्य सरकार ने पार्क के निर्माण स्थल पर पानी की जरूरत के लिए जल शक्ति विभाग को 31 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत कर दिया है. इस बजट राशि से यहां 15 एमएलडी पानी उपलब्ध होगा. इससे निर्माण कार्य में सहूलियत होगी. चूंकि हिमाचल में उद्योग सेक्टर में कनेक्टिविटी सबसे बड़ा मुद्दा है, लिहाजा राज्य सरकार बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट में पहले ही कनेक्टिविटी पर फोकस कर रही है. हिमाचल में उद्योग सेक्टर को रेल नेटवर्क से जोड़ना बहुत जरूरी है. यहां बताना जरूरी है कि सोलन जिले के बीबीएन यानी बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ उद्योग क्षेत्र में देश व दुनिया की बड़ी फार्मा कंपनियां काम कर रही हैं. बीबीएन में सालाना चालीस हजार करोड़ रुपए से अधिक का फार्मा कारोबार है. बद्दी-चंडीगढ़ रेल लाइन बनने से ढुलाई में सहूलियत होगी. इसे देखते हुए हरोली के बल्ड ड्रग पार्क को भी रेल लाइन व नेशनल हाईवे से जोड़ने का प्लान है, ताकि निकट भविष्य में बल्क ड्रग पार्क में उत्पादन को लक्ष्य तक पहुंचाने में आसानी रहे.
क्या है बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट? इसे ध्यान में रखते हुए राज्य की सुखविंदर सिंह सरकार ऊना के संतोषगढ़ चौक से बल्क ड्रग पार्क पोलियां बीत तक डबल लेन सडक़ का निर्माण करेगी. इसके लिए भूमि अधिग्रहण की लागत उद्योग विभाग उठाएगा. सड़क PWD बनाएगा. पार्क की साइट तक रेल लाइन पहुंचाने के जेजों गांव से आगे लाइन बिछाई जाएगी. वहीं, पार्क तक गैस पाइपलाइन पहुंचाने के लिए भी इसे टाहलीवाल इंडस्ट्रियल एरिया से बढ़ाया जाएगा.
राज्य सरकार ने पार्क की ऊर्जा जरूरतों पर भी काम शुरू किया है. बल्क ड्रग पार्क परियोजना को कुल 120 मेगावाट बिजली की जरूरत होगी. शुरुआती चरण में केवल दस मेगावाट बिजली से काम चल जाएगा. चूंकि हिमाचल उर्जा राज्य है, लिहाजा पावर की चिंता नहीं होगी. उद्योग विभाग ने यहां उर्जा जरूरतों के लिए बिजली बोर्ड को 312 करोड़ का शुरुआती आकलन दिया है. बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए सभी संबंधित विभागों का कॉमन फैसिलिटी सेंटर ऊना जिला के बाथू में होगा. यहां कैंप ऑफिस काम करेगा. वहीं, पोलियां बीत इलाके में स्थित वन विभाग के गेस्ट हाउस में परियोजना का साइट ऑफिस तय किया गया है.
क्या है बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट?: ऊना में बल्क ड्रग पार्क केंद्र की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है. वहीं, सोलन के बद्दी में 300 करोड़ का मेडिकल डिवाइस पार्क इस परियोजना को और मजबूत करेगा.
- 1923 करोड़ की पूंजीगत लागत वाले इस प्रोजेक्ट में केंद्र से मिलेगी एक हजार करोड़ रुपए की मदद, शेष हिमाचल राशि हिमाचल को करनी है खर्च.
- हिमाचल में पूर्व की जयराम सरकार के समय सितंबर 2022 में रिकार्ड समय में बल्क ड्रग पार्क की डीपीआर तैयार हुई थी. केंद्र सरकार ने भी इस डीपीआर को सराहा था.
- इस परियोजना से प्रत्यक्ष रूप से कम से कम तीस हजार व परोक्ष रूप से कम से कम 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.
- प्रोजेक्ट में 300 टीपीएच की क्षमता वाला स्टीम प्लांट, 120 मेगावाट क्षमता का पावर ढांचा, 15 एमएलडी की क्षमता का वाटर इन्फ्रा, सॉल्वेंट एक्सट्रेक्शन प्लांट, 5 एमएलडी तक के रासायनिक निर्वहन की स्थिति में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज वाला कॉमन एफ्लुएंट प्लांट होगा.
- बल्क ड्रग पार्क में छह मल्टी फ्यूल बॉयलर होंगे. इससे स्टीम की मांग पूरी होगी और 36 मेगावाट अतिरिक्त बिजली भी पैदा होगी.
- हिमाचल सरकार को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के औषध विभाग से सामान्य बुनियादी ढांचे की सुविधाओं के लिए 225 करोड़ रुपये ग्रांट इन एड की पहली किस्त मिल चुकी है.
- दवा निर्माण में कच्चे माल के लिए भारत चीन पर निर्भर रहता है. बल्क ड्रग पार्क में दवाइयों के निर्माण के लिए कच्चे माल को तैयार किया जाएगा. इससे चीन पर निर्भरता लगभग खत्म हो जाएगी.
- बल्क ड्रग पार्क में निवेश के लिए कई कंपनियों ने रुचि दिखाई है. इसके चालू हो जाने के बाद हिमाचल में आर्थिकी की नई इबारत लिखी जाएगी.
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