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बागवानों के लिए प्रेरणा बने एडवोकेट अजय शर्मा, अनार की खेती कर पेश की मिसाल - una news

प्रदेश के गर्म इलाके ऊना की जलवायु सेब और पलम जैसे फलों के लिए अनुकूल न होने के बाद अजय शर्मा ने अनार की खेती को चुना और केवल मात्र प्लानिंग तक सीमित न रहकर उन्होंने बागवानी विभाग की मदद से पौधे रोपित कर करीब 200 पेड़ों का एक बगीचा तैयार कर लिया. जिले की जलवायु अनार की खेती के लिए बेहद उपयुक्त मानी जाती है.

एडवोकेट अजय शर्मा
एडवोकेट अजय शर्मा

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Published : Aug 22, 2021, 4:32 PM IST

ऊना: जिला ऊना के उपमंडल हरोली के तहत ईसपुर गांव निवासी एडवोकेट अजय शर्मा ने अनार की खेती में एक नई मिसाल पेश करते हुए बागवानों को नई राह दिखाई है. घर के पास अपनी थोड़ी सी जमीन में करीब 200 अनार के पौधे लगाकर इस खेती में कूदने वाले अजय शर्मा ने अब और जमीन लेकर करीब 700 नए पौधों का बड़ा बगीचा भी तैयार कर लिया है. हालांकि नए बगीचे से अनार का उत्पादन होने में अभी करीब 2 साल का वक्त लगेगा.

हिमाचल प्रदेश के गर्म इलाके ऊना की जलवायु सेब और पलम जैसे फलों के लिए अनुकूल न होने के बावजूद अजय शर्मा ने अनार की खेती को चुना और केवल मात्र प्लानिंग तक सीमित न रहकर उन्होंने बागवानी विभाग की मदद से पौधे लगाकर करीब 200 पेड़ों का एक बगीचा तैयार कर लिया. जिला की जलवायु अनार की खेती के लिए बेहद उपयुक्त मानी जाती है. आज उनके बगीचे के अनार ना सिर्फ जिला मुख्यालय बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों और बाहरी राज्यों को भी भेजे जाते हैं. बागवानी क्षेत्र में युवाओं को स्वरोजगार के लिए पर्याप्त अवसर मौजूद हैं. हाल ही में विभाग द्वारा शिवा प्रोजेक्ट के तहत युवाओं को बागवानी के लिए प्रेरित करने का अभियान भी शुरू किया है.

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जिला ऊना की जलवायु बागवानी कारोबार के लिए अपार संभावनाएं समेटे हुए है. अगर जरूरत है तो केवल मात्र इन संभावनाओं का दोहन करते हुए बागवानी क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की. इन्हीं संभावनाओं का दोहन करते हुए जिला के हरोली उपमंडल के तहत पड़ते ईसपुर निवासी अधिवक्ता अजय शर्मा ने बागवानों के लिए एक नई मिसाल पेश की. सभी जानते हैं कि जिला की जलवायु जहां सेब और पलम फलों के लिए उपयुक्त नहीं है. वहीं, गर्म क्षेत्रों में होने वाले फलों के पौधों को लगाकर यहां पर अच्छी पैदावार भी ली जा सकती है. इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए एडवोकेट अजय शर्मा ने अनार की खेती करने की योजना बनाई. घर के ही पास अपनी भूमि पर उन्होंने करीब 200 पौधे रोपित कर अनार का बगीचा तैयार करना शुरू किया.

करीब 7 साल पूर्व तैयार किया गया यह बगीचा आज उनकी आय का एक बड़ा साधन बन चुका है. अजय शर्मा ने इस छोटे से बगीचे से शुरू हुए सफर को बड़े स्तर पर ले जाने की ठान ली. अब उन्होंने अतिरिक्त जमीन लेकर करीब 700 अनार के पौधे रोपित किए हैं. अजय शर्मा बताते हैं कि उनके बगीचे का अनार ना केवल जिला मुख्यालय की मंडी बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों और बाहरी राज्यों की मंडियों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है. उन्होंने बताया कि अनार की फसल की मार्केटिंग के लिए भी उन्हें कोई विशेष प्रयास नहीं करने पड़ रहे, बल्कि उनके बागीचे से ही उनकी फसल बिक जाती है. उन्होंने आज की युवा पीढ़ी से स्वरोजगार के साधन अपनाते हुए आगे बढ़ने का आह्वान किया है.


वहीं, बागवानी विभाग के उपनिदेशक अशोक धीमान का कहना है कि ऊना जिला की जलवायु अनार के लिए बहुत अच्छी है. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा बंगाणा उपमंडल में बागवानों को 4,444 पौधे दिए गए हैं और वहां चार प्रदर्शन स्थल भी स्थापित किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिला ऊना में अनार का भविष्य बहुत अच्छा है अगर बागवान वैज्ञानिक तरीके से अनार की खेती करते हैं तो अनार का अच्छा उत्पादन हो सकता है.

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