ऊना: जिला ऊना के उपमंडल हरोली के तहत ईसपुर गांव निवासी एडवोकेट अजय शर्मा ने अनार की खेती में एक नई मिसाल पेश करते हुए बागवानों को नई राह दिखाई है. घर के पास अपनी थोड़ी सी जमीन में करीब 200 अनार के पौधे लगाकर इस खेती में कूदने वाले अजय शर्मा ने अब और जमीन लेकर करीब 700 नए पौधों का बड़ा बगीचा भी तैयार कर लिया है. हालांकि नए बगीचे से अनार का उत्पादन होने में अभी करीब 2 साल का वक्त लगेगा.
हिमाचल प्रदेश के गर्म इलाके ऊना की जलवायु सेब और पलम जैसे फलों के लिए अनुकूल न होने के बावजूद अजय शर्मा ने अनार की खेती को चुना और केवल मात्र प्लानिंग तक सीमित न रहकर उन्होंने बागवानी विभाग की मदद से पौधे लगाकर करीब 200 पेड़ों का एक बगीचा तैयार कर लिया. जिला की जलवायु अनार की खेती के लिए बेहद उपयुक्त मानी जाती है. आज उनके बगीचे के अनार ना सिर्फ जिला मुख्यालय बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों और बाहरी राज्यों को भी भेजे जाते हैं. बागवानी क्षेत्र में युवाओं को स्वरोजगार के लिए पर्याप्त अवसर मौजूद हैं. हाल ही में विभाग द्वारा शिवा प्रोजेक्ट के तहत युवाओं को बागवानी के लिए प्रेरित करने का अभियान भी शुरू किया है.
जिला ऊना की जलवायु बागवानी कारोबार के लिए अपार संभावनाएं समेटे हुए है. अगर जरूरत है तो केवल मात्र इन संभावनाओं का दोहन करते हुए बागवानी क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की. इन्हीं संभावनाओं का दोहन करते हुए जिला के हरोली उपमंडल के तहत पड़ते ईसपुर निवासी अधिवक्ता अजय शर्मा ने बागवानों के लिए एक नई मिसाल पेश की. सभी जानते हैं कि जिला की जलवायु जहां सेब और पलम फलों के लिए उपयुक्त नहीं है. वहीं, गर्म क्षेत्रों में होने वाले फलों के पौधों को लगाकर यहां पर अच्छी पैदावार भी ली जा सकती है. इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए एडवोकेट अजय शर्मा ने अनार की खेती करने की योजना बनाई. घर के ही पास अपनी भूमि पर उन्होंने करीब 200 पौधे रोपित कर अनार का बगीचा तैयार करना शुरू किया.