ऊना: प्रदेश सरकार हर गरीब को पक्का घर मुहैया करवाने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जिला ऊना में आज भी कई ऐसे परिवार हैं जिनके पास सिर ढकने के लिए पक्की छत नहीं है. कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों गांव कोटला खुर्द की एक महिला भोली देवी का है.
भोली देवी नाम की एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ कच्चे मकान में रहती थी, लेकिन बरसात के मौसम ने भोली देवी से उसकी छत भी छिन ली. तीन साल पहले ही भोली देवी के पति की मौत हुई थी. परिवार जैसे-तैसे गुजारा कर रहा था, लेकिन कुदरत के कहर ने एक बार फिर गरीब परिवार को उसी मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है.
अब सवाल ये है कि रोटी कमाने की जद्दोजहद कर रहे गरीब परिवार को छत कैसे नसीब होगी. भोली देवी मनरेगा में दिहाड़ी कर बड़ी मुश्किल से अपने बच्चों का पेट पाल रही थी. वैसे तो परिवार बीपीएल श्रेणी में आता है, लेकिन अभी तक न तो केंद्र और न ही प्रदेश सरकार के आवास योजना का लाभ परिवार को मिल पाया है.
ETV भारत ने जब गांव की प्रधान ममता देवी से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि ब्लॉक विकास अधिकारी से गरीब परिवार की मदद के लिए सिफारिश की गई है. वहीं, ब्लॉक विकास अधिकारी यशपाल सिंह का कहना है कि पंचायत की सिफारिश के बाद गरीब परिवार की मदद के लिए फाइल सरकार की मंजूरी के लिए भेजी गई है.
अब देखना होगा की सरकारी तंत्र गुरबत की जिंदगी जी रहे परिवार की मदद के लिए कितना समय और लगाता है. किराए के एक छोटे से कमरे में समय काट रहा परिवार सरकार और जिला प्रशासन से पक्के मकान की आस लगाए हुए बैठा है ताकि फिर कोई प्राकृतिक आपदा उनसे उनकी छत न छिन सके.