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Solan Zilla Parishad Cadre: सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने किया था विभाग में विलय का चुनावी वादा, अब नहीं दिया जा रहा मांगों पर ध्यान: राजेश ठाकुर

हिमाचल प्रदेश की ग्राम पंचायतों में कामकाज पूरी तरह से ठप है. सोलन जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की हड़ताल आज सातवें दिन भी जारी है. वहीं, जिला परिषद कैडर कर्मचारियों का कहना है कि यदि सरकार का यही रवैया रहता है, तो वह आने वाले दिनों में इसको लेकर आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे. पढ़ें पूरी खबर.. (Zilla Parishad Cadre Employees Strike in Solan) (Solan Zilla Parishad Cadre)

Zilla Parishad Cadre Employees Strike in Solan
सोलन जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की हड़ताल

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 6, 2023, 5:50 PM IST

जिला परिषद कैडर कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर

सोलन:हिमाचल प्रदेश के जिला परिषद कैडर कर्मचारी विभाग में विलय की मांग को लेकर लगातार सातवें दिन भी हड़ताल पर बैठे हुए हैं. दरअसल, पिछले 7 दिनों से कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पंचायतों और बीडीओ कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. लोगों के विभिन्न विकास के कार्य इन दोनों रुक चुके हैं. वहीं, जिला परिषद कैडर कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर का कहना है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, जिस कारण लोगों के भी काम अब प्रभावित होने लगे हैं.

दरअसल, राजेश ठाकुर ने कहा कि चुनाव के समय कांग्रेस ने उनके धरना प्रदर्शन में आकर कहा था कि यदि उनकी सरकार आती है, तो उन्हें विभाग में विलय किया जाएगा, लेकिन अब तो सरकार भी कांग्रेस की है फिर भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. राजेश ठाकुर ने कहा कि वे सरकार से वार्ता के लिए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई भी निर्णय नहीं निकल रहा है.

राजेश ठाकुर ने कहा कि यदि सरकार का यही रवैया रहता है, तो वह आने वाले दिनों में इसको लेकर आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे. राजेश ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के 88 ब्लॉकों में 4700 कर्मचारी लगातार कलम छोड़ो हड़ताल पर हैं. सरकार को भी इस बात का पता है कि कर्मचारी किस तरह से काम करते हैं, लेकिन लोगों के काम जहां प्रभावित हो रहे हैं उसकी और भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है.

राजेश ठाकुर ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है, तब तक वह अपनी हड़ताल को जारी रखेंगे. बता दें कि प्रदेश की 3615 पंचायतों में 90 फीसदी कर्मचारी जिला कैडर के हैं. पंचायतों में तकनीकी सहायक, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, पंचायत सचिव, और अन्य जिला परिषद कैडर में सेवारत हैं. इनमें से 10% पुराने कर्मचारी पंचायती राज विभाग में हैं, जबकि नई भर्तियां जिला परिषद कैडर में की जाती रही हैं. इससे इनकी संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है.

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