हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

शून्य बजट प्राकृतिक खेती को लेकर अर्की में कार्यशाला, किसानों को दी गई विशेष जानकारी

डुमैहर ग्राम पंचायत के ग्राम लाधी में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में कोविड-19 के आदेशों की पालना करते हुए कृषि विभाग के अधिकारी मनीष ठाकुर ने सुभाष पालेकर शून्य बजट प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी.

natural farming Workshop
प्राकृतिक खेती पर कार्यशाला

By

Published : Sep 28, 2020, 4:53 PM IST

सोलन:अर्की उपमंडल की डुमैहर ग्राम पंचायत के ग्राम लाधी में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में कोविड-19 के आदेशों की पालना करते हुए कृषि विभाग के अधिकारी मनीष ठाकुर ने सुभाष पालेकर शून्य बजट प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी. कार्यशाला में अधिकारियों ने ग्रामीण युवाओं को देसी गाय के गोमूत्र और गोबर से बनने वाली खादों व कीटनाशकों को बनाने की वास्तविक प्रक्रिया बताई.

साथ ही जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत, अग्निअस्त्र, ब्रह्मास्त्र, नीमअस्त्र का उपयोग कैसे किया जाता है. इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस विधि से किसान अपनी आय को दोगुना कर सकता है. ग्रामीणों ने भी इस कार्यशाला में दी गई प्राकृतिक खेती की जानकारी को ध्यान से सुना, ताकि वह सभी प्राकृतिक खेती को अपना सकें.

वीडियो

कृषि विभाग के अधिकारी मनीष ठाकुर ने सुभाष पालेकर शून्य बजट प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि ग्रामीणों को खेतों में खादों व रसायनिक कीट नाशकों का छिड़काव नहीं करना चाहिए. इन कीट नाशक व खादों से मनुष्य को कई तरह की बीमारियां हो रही हैं. इन बीमारियों से बचने के लिए सभी ग्रामीणों को प्राकृतिक खेती अपनानी चाहिए, ताकि सब स्वस्थ रह सकें.

मनीष ठाकुर ने कहा कि गांव स्वस्थ रहेगा तो देश स्वस्थ रहेगा. उन्होंने बताया कि देसी या पहाड़ी गाय को लेने की चाह रखने वाले ग्रामीणों को सरकार उसमें 50 प्रतिशत का अनुदान भी देती है. इसी तरह ग्रामीणों के लिए कृषि विभाग में कई तरह की योजनाओं के तहत भिन्न-भिन्न तरह की अनुदान राशि दी जाती है. किसानों को इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए.

कार्यशाला में भाग ले रहे किसान ने कृषि विभाग का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि विभाग को इस तरह के आयोजन करते रहना चाहिए, ताकि गांव के लोग इन सुविधाओं का लाभ ले सके. इन सरकारी योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को पता नहीं होता. इसलिए कृषि विभाग के समय-समय पर इस तरह के आयोजन करता रहने से लोग जागरूक होगें. तभी इन योजनाओं का लाभ ग्रामीण उठा सकते हैं.

ये भी पढ़ें:Exclusive: PM मोदी के हिमाचल दौरे पर सीएम जयराम ठाकुर से ईटीवी भारत की खास बातचीत

ABOUT THE AUTHOR

...view details