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आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं को नसीब नहीं हुई छत, खुले में उत्पाद बेचने को मजबूर

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को सशक्त करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. जिला के अलग-अलग क्षेत्रों से महिलाएं आकर इन स्टॉलों में घरेलू उत्पादों को बेचकर आत्मनिर्भर बन रही हैं. महिलाएं स्टॉल के माध्यम से दूध, गिलोय, दातुन, सब्जियां और हाथों से बने उत्पादों को बेच रही हैं.

Women  selling hill products under open roof in solan
आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाएं खुली छत के नीचे पहाड़ी उत्पाद बेचने को मजबूर

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Published : Jan 2, 2021, 7:20 PM IST

Updated : Jan 2, 2021, 8:28 PM IST

सोलनःराष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को सशक्त करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इसमें महिलाओं को जागरूक कर उनकी आर्थिकी को मजबूत करने के गुर सिखाये जा रहे हैं. सोलन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ जुड़कर महिलाएं हर शनिवार को सोलन मॉल रोड़ पर चिल्ड्रन पार्क के सामने घरेलू उत्पादों को बेचकर आजीविका कमाती हैं.

जिला के अलग-अलग क्षेत्रों से महिलाएं आकर इन स्टॉल में घरेलू उत्पादों को बेचकर आत्मनिर्भर बन रही हैं. महिलाओं को इसमें मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है. सामान बेचने के लिए महिलाओं को जो जगह दी गई है वहां टेंट की सुविधा न होने के कारण बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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टेंट लगाकर उत्पाद बेचने में मदद करे प्रशासन

भोजनगर से रोशनी सहायता समूह से जुड़ी ममता ठाकुर का कहना है कि वे लोग राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर घरेलू उत्पादों के जरिये अपनी आजीविका कमा रही हैं. वे हर शनिवार चिल्ड्रन पार्क के सामने स्टॉल लगाकर सामान बेचती हैं. उन्हें यहां सामान बेचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. व्यवस्था न होने के कारण उन्हें बारिश और ठंड में अपने उत्पाद बेचने पड़ रहे हैं.

घरों से बाहर निकलकर महिलाएं हो रही सशक्त

ढधोग गांव की उमा शर्मा का कहना है कि वे लोग राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वंय सहायता समूह से जुड़कर आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं. उन्हें घर से बाहर निकलकर आजीविका मिशन के तहत रोजगार कमाने का अवसर मिल रहा है.

इन उत्पादों को बेच रही हैं महिलाएं

महिलाएं स्टॉल के माध्यम से दूध, गिलोय, दातुन, सब्जियां और हाथों से बने उत्पादों को बेच रही हैं. महिलाएं घरों से आचार बनाकर, लस्सी जैसे उत्पादों को बेचकर भी आर्थिकी रूप से मजबूत हो रही है.

महिलाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण

ग्रामीण विकास विभाग महिलाओं को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए इससे पहले भी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समय-समय पर कई प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान दिए जाते हैं. इसमें खुम्ब फार्मिंग, डेयरी फार्मिंग, डूना-पत्तल, बैग-लिपाफा, बुटीक, सिलाई-कढ़ाई, पापड़-बडिय़ां, रेशम और मधुमक्खी पालन की भी ट्रेनिंग प्रदान दी जाती है.

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Last Updated : Jan 2, 2021, 8:28 PM IST

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