सोलन: सब्जी मंडी सोलन में रविवार को किसानों को सब्जियों के बेहतर दाम नहीं मिले हैं. दरअसल सभी सब्जियों की सप्लाई सब्जी मंडी सोलन में बहुत अधिक मात्रा में पहुंची है और जबकि डिमांड कम है. जिस कारण किसानों को इसके बेहतर दाम नहीं मिल पा रहे हैं. बात करें मटर की तो शुरुआती दिनों में जहां मटर ₹65 से ₹70 प्रति किलो बिक रहा था अब वही मटर ₹20 से ₹40 प्रति किलो तक बिक रहा है. करसोग का मटर आज ₹40 किलो के हिसाब से सब्जी मंडी सोलन में बिका है. वहीं, जो मटर ग्रेडिंग के हिसाब से सबसे लो है वह आज ₹20 प्रति किलो के हिसाब से भी बिका है.
20 से ₹30 प्रति किलो बिक रहा मटर: सब्जी मंडी सोलन में करसोग,चौपाल, कुल्लू, सिरमौर ठियोग और सोलन का मटर आ रहा है, लेकिन अब इसकी डिमांड बाहरी राज्यों के मंडियों में कम होने लगी है. ऐसे में किसानों को इसके दाम कम ही मिल रहे हैं. सब्जी मंडी सोलन में ग्रेडिंग के हिसाब से अब किसानों को मटर के दाम मिल रहे हैं, अच्छी क्वालिटी का मटर 40 से ₹45 प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है तो वही दाग वाला लो क्वालिटी का मटर 20 से ₹30 प्रति किलो बिक रहा है.
सोलन में गिरे सब्जियों के दाम ब्रोकली 5 रुपए तो गोभी के 8 रुपए प्रति किलो मिल रहे किसानों को दाम:वहीं, दूसरी तरफ सब्जी मंडी सोलन में ब्रोकली और गोभी के दामों पर भी असर देखने को मिला है. आज इन दोनों ही सब्जियों के दाम गिरे हैं, सप्लाई अधिक होने के कारण किसानों को आज उसके दाम बेहतर नहीं मिल पाए हैं. सब्जी मंडी सोलन में आज ब्रोकली ₹5 किलो के हिसाब से बिकी है, जो पिछले कल ₹3 प्रति किलो के हिसाब से बिकी थी. आज गोभी ₹8 किलो के हिसाब से बिकी है. शुरुआती दिनों में ब्रोकली के दाम किसानों को 20 से ₹30 प्रति किलो के हिसाब से भी मिले हैं लेकिन डिमांड कम होने की वजह से इसके दामों में गिरावट देखने को मिल रही है. वहीं, दूसरी तरफ गोभी भी 10 से ₹15 तक प्रति किलो के हिसाब से बिक रही थी वह भी अब 8 किलो के हिसाब से बिक रही है.
डिमांड बढ़ने से किसानों को मिलेंगे बेहतर दाम:सब्जी मंडी सोलन के आढ़ती हेमंत साहनी, विक्की और टीटू का मानना है कि बाहरी राज्यों में सब्जियों की डिमांड कम है और सब्जी मंडी सोलन में सब्जियों की सप्लाई ज्यादा आ रही है. जिस कारण किसानों को इसके दाम कम मिल रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जैसे ही बाहरी राज्यों में सब्जियों की डिमांड अधिक बढ़ जाएगी, वैसे ही किसानों को बेहतर दाम भी मिलने शुरू हो जाएंगे. उनका कहना है कि महाराष्ट्र का मटर भी अब बाहरी राज्यों की सभी मंडियों में पहुंच रहा है, इस कारण भी पहाड़ी मटर की डिमांड पर इसका असर देखने को मिल रहा है.
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