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सीमेंट कंपनी के खिलाफ ट्रक ऑपरेटरों का प्रदर्शन जारी, लंबित मांगों को पूरा करने की मांग - ट्रक ऑपरेटर और अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी विवाद

ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि थोड़े समय तक काम ठीक चलता रहा, लेकिन उसके बाद कंपनी ने कुछ ही लोगों को काम देना शुरू कर दिया. जिस कारण करीब 200 ट्रक ऑपरेटरों और करीब 4000 ट्रक चालकों को काम न मिलने से घर चलाना भी मुश्किल हो चुका है.

truck union protest in solan
सोलन में ट्रक ऑपरेटरों का धरना प्रदर्शन

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Published : Feb 9, 2020, 12:40 PM IST

सोलनः अर्की में स्थापित अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के खिलाफ दी मांगल ट्रक ऑपरेटर सोसाइटी का धरना-प्रदर्शन लगातार 12वें दिन भी जारी रहा. धरना प्रदर्शन में करीब 200 ऑपरेटर शामिल हैं. ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी ने उनसे जून 2018 में एग्रीमेंट करवाकर वादा किया था कि 1500 मिट्रिक टन माल रोजाना ट्रकों से भटिंडा और रुड़की भेजा जाएगा, लेकिन रोजाना केवल 300 मीट्रिक टन ही भेजा जा रहा है.

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कंपनी के वादे के अनुसार ट्रक ऑपरेटर ने माल ढुलाई के लिए नए ट्रक खरीदे और कंपनी में लगा दिए. ऑपरेटरों का कहना है कि थोड़े समय तक काम ठीक चलता रहा, लेकिन उसके बाद कंपनी ने कुछ ही लोगों को काम देना शुरू कर दिया. जिस कारण करीब 200 ट्रक ऑपरेटरों और करीब 4000 ट्रक चालकों को काम न मिलने से घर चलाना भी मुश्किल हो चुका है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही उनकी इस मांग को पूरा नहीं किया जाता है तो वह सचिवालय का घेराव करेंगे और जयराम सरकार के सामने अपनी मांगें रखेंगे. इससे पहले ट्रक ऑपरेटरों ने मिनी सेक्ट्रिएट का घेराव कर डीसी सोलन के समक्ष भी ये मामला उठाया था.

ट्रक ऑपरेटरों की मांग है कि जो कंपनी ने वादा किया था उसे पूरा किया जाए. ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल के समर्थन में स्थानीय पंचायत के प्रधान दीप चंद ने कहा कि वह ट्रांसपोर्टरों का समर्थन करते हैं. उनकी मांगें जायज हैं, इसको ध्यान में रखते हुए प्रशासन और सरकार को इसमें मध्यस्थता करनी चाहिए.

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गौर रहे की बीते समय से अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी और विभिन्न ट्रांसपोर्टर सहकारी सभाओं के बीच माल ढुलाई के रेट को लेकर यह गतिरोध चल रहा था. कुछ समय पूर्व केंद्र की अधिसूचना के मुताबिक ट्रकों का एक्सल लोड बढ़ा दिया गया था. पहले से ही संचालित ट्रकों को 9 टन की बजाय 12 टन माल उठाने की अनुमति प्रदान की गई थी.अल्ट्राटेक कंपनी ने ट्रक ऑपरेटरों के साथ एक एग्रीमेंट करके रोजाना 1500 मेट्रिक टन माल ढुलाई का वादा किया था, लेकिन थोड़े समय बाद वहां काम कम होता गया. जिस कारण हर एक ट्रक ऑपरेटर को काम नहीं मिल पा रहा है.

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