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अर्की घटक में टोकन घोटाले की जांच पूरी, 57 गाड़ियों की फाइलों में मिली खामियां

मांगल लैंड लूजर एवं प्रभावित परिवहन सहकारी सभा बागा के अर्की घटक में टोकन घोटाले की जांच पूरी हो गई है. 57 गाड़ियों की फाइलों में खामियां मिली हैं. जांच रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी है. 42 गाड़ियों से संबंधित फाइलों को सभा ने अभी तक नहीं भेजा है. कोविड-19 के कारण जांच जून 2020 में शुरू हुई थी.

अर्की घटक
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Published : Nov 3, 2020, 8:57 AM IST

दाड़लाघाट/सोलन: मांगल लैंड लूजर एवं प्रभावित परिवहन सहकारी सभा बागा के अर्की घटक में टोकन घोटाले की जांच पूरी हो गई है. जांच में कई गाड़ियों की फाइलों में खामियां मिली हैं. दिसंबर 2019 में सभा के अर्की घटक में पांच मल्टी एक्सल गाड़ियों का मामला उछला था. इनके दस्तावेजों की जांच एसडीएम कार्यालय में हुई थी और पांचों गाड़ियां गलत पाई गई थीं.

गाड़ियों का रिकॉर्ड सोलन हुआ तलब

इसके बाद अर्की घटक के ट्रक ऑपरेटरों ने प्रशासन और सहकारिता विभाग से गुहार लगाई थी कि सभा में बड़ा टोकन घोटाला हुआ है और इसकी निष्पक्ष जांच की जाए. सभा नामित कमेटी सदस्यों और कर्मचारियों की मिलीभगत से लगीं गलत गाड़ियों को बाहर किया जा सके. पंजीयक सहकारी सभाएं शिमला ने मामले पर कार्रवाई कर सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं सोलन को जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद अर्की घटक की गाड़ियों का सारा रिकॉर्ड सोलन तलब किया गया और जांच शुरू हुई. जांच में नामित प्रबंधक कमेटी सदस्यों, शिकायतकर्ताओं व सभा सचिव, सभा कर्मचारी को शामिल किया गया.

जून में शुरू हुई जांच

कोविड-19 के कारण जांच जून 2020 में शुरू हुई. जांच में अर्की घटक में बड़े पैमाने पर मल्टी एक्सेल और छह चक्का गाड़ियों को लगाने में बड़े स्तर पर हेरफेर पाया है. अर्की घटक में 2011 तक ऑपरेटरों को एक-एक गाड़ी डालने की ही अनुमति दी गई थी. 29 मार्च 2011 में सभा के हुए साधारण अधिवेशन में कम माल ढुलाई के चलते गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया था. मल्टी एक्सल गाड़ियों की चाह में एक गुट ने बंद पड़ी गाड़ियों के टोकन खरीदे और सभा में नामित प्रबंधक कमेटी से कुछ सदस्यों और सभा कर्मचारियों की मिलीभगत से गाड़ियां लगवा दी. जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि जो गाड़ियां सभा में कभी नहीं चली, उनके जाली दस्तावेज बनाकर अर्की घटक में मल्टी एक्सल और छह चक्का गाड़ियां लगा दी गईं.

फाइलों की जांच हुई पूरी

कुछ मामलों में जरूरी दस्तावेज ही नहीं पाए गए हैं और एक व्यक्ति ने चार-पांच लोगों को जाली शपथ पत्र दे दिए. एक दलाल ग्रुप ने फर्जी टोकन बेचे. फर्जीवाड़ा मल्टी एक्सल डालने के आदेश के बाद नवंबर 2018 से मार्च 2020 तक चलता रहा. सभा सदस्य ने सरकार और विभाग से जांच रिपोर्ट पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है. एआरसीएस नीलम कश्यप ने कहा कि जिला निरीक्षक ने फाइलों की जांच पूरी कर ली है. 57 गाड़ियों की फाइलों में खामियां मिली हैं. जांच रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी है. 42 गाड़ियों से संबंधित फाइलों को सभा ने अभी तक नहीं भेजा है.

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