सोलन:हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन-परवाणू-शिमला फोरलेन काम में इन दिनों फोरलेन निर्माता कंपनी को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बरसात के दिनों में ही फोरलेन निर्माता कंपनी को काम करते हुए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, पहाड़ दरकने और लैंडस्लाइड होने के भी कई मामले सामने आ चुके हैं.
पहाड़ी की कटिंग के दबाव से सड़क में आई दरारें. सोमवार रात सोलन के कंडाघाट से शिमला जाने वाले मार्ग पर क्यारी बंगला के समीप पहाड़ी के दबाव से सड़क धंसने गई और सड़क बिल्कुल जाम हो चुकी है. पिछले 12 घंटों से फोरलेन निर्माता कंपनी जाम खोलने की मशक्कत कर रही है. वहीं जिला प्रशासन की ओर से सड़कों पर गाड़ियां खड़ी न रहे इसके लिए शहर के आसपास के लिंक रोड़ से गाड़ियों को भेजा जा रहा है.
क्या कहना है NHAI अधिकारियों का वहीं, NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एसके शर्मा का कहना है कि बीती रात करीब 8 बजे पहाड़ी दरक जाने के कारण क्यारी बंगला के समीप रोड़ में दरारें आ चुकी है. उन्होंने कहा कि पहली जांच में पहाड़ी का दबाव इतना था कि 1 फीट गहरी और करीब 4 इंच की चौड़ाई में जमीन धंस चुकी है. उनका कहना है कि रात से ही रोड को खोलने के लिए काम किया जा रहा है जिसके लिए तीन मशीनें भी यहां पर लगाई जा गई है.
पहाड़ी की कटिंग के दबाव से सड़क में आई दरारें. ये कहते हैं एसडीएम वहीं, मौके पर पहुंचे एसडीएम कंडाघाट संजीव धीमान का कहना है कि सबसे पहले प्राथमिकता है कि रोड को खोला जाए. उन्होंने कहा कि पुल निर्माता कपंनी लगातार बीती रात से ही प्रयास कर रही है कि रोड को जल्द से जल्द खोला जाए. उन्होंने कहा कि जमीन धंसने के कारणों का पता लगाया जा रहा है. वहीं रोड को जल्द खोलने के लिए जिला प्रशासन पर आने निर्माता कंपनी भी काम कर रही है.
वहीं, अभी ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए वाहनों को कंडाघाट से होते हुए गांव सेंज मालगा होते हुए भेजा जा रहा है. इससे यात्रियों को दो से 3 किलोमीटर तक सफर करना होग. रोहडू, चौपाल, कोटखाई से आने वाली गाड़ियां गुम्मा पुल होकर सोलन जा सकते हैं. वहीं, शिमला सोलन राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर रोड बंद होने के कारण पुलिस द्वारा भी लोगों को वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करने के लिए कहा जा रहा है.
शिमला से सोलन कयारीबंगला होते हुए लोग कंडाघाट जा सकते हैं. वहीं, सोलन से शिमला जाने के लिए लोग वैकल्पिक तौर पर साधुपुल वाया दूंगा मार का चयन कर सकते हैं. इसके अलावा शिमला से आने वाली गाड़ियों को वाकनाघाट से होते हुए जेपी यूनिवर्सिटी होते हुए वाया स्पाटू भी किया जा रहा है.
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