हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

राज्यस्तरीय शूलिनी मेला हुआ संपन्न: 2 दिन तक अपनी बहन के पास रुकने के बाद फिर अपने घर लौटी मां शूलिनी

सोलन में राज्यस्तरीय शूलिनी मेला (Shoolini Fair) आज समाप्त हो चुका है. मेले के अंतिम दिन मां शूलिनी अपनी बहन के पास 2 दिन तक रुकने के बाद फिर अपने घर वापस लौट आई है. सोलन में मनाया जाने वाला राज्यस्तरीय शूलिनी मेला भले ही दूसरे साल भी कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया हो, लेकिन सालों से चलती आ रही देव परंपराएं और पौराणिक विधि-विधान से सोलन में मां शूलिनी का अपनी बहन दुर्गा से मिलन हो ही गया.

shoolini temple solan solan news, शूलिनी मंदिर सोलन सोलन समाचार
फोटो.

By

Published : Jun 27, 2021, 7:09 PM IST

Updated : Jun 27, 2021, 7:15 PM IST

सोलन:राज्यस्तरीय शूलिनी मेला आज समाप्त हो चुका है मेले के अंतिम दिन मां शूलिनी अपनी बहन के पास 2 दिन तक रुकने के बाद फिर अपने घर वापस लौट आई है. 3 दिन तक चले राज्यस्तरीय शूलिनी मेले को कोरोना के चलते इस साल भी सूक्ष्म रूप से मनाया गया.

बता दें कि देवभूमि हिमाचल प्रदेश में मनाए जाने वाले पारंपरिक एवं प्रसिद्ध मेलों में माता शूलिनी का मेला भी प्रमुख स्थान रखता है. बदलते परिवेश के बावजूद यह मेला अपने प्राचीन परंपरा को संजोए हुए है. सोलन में मनाया जाने वाला राज्यस्तरीय शूलिनी मेला (State Level Shoolini Fair) भले ही दूसरे साल भी कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया हो, लेकिन सालों से चलती आ रही देव परंपराएं और पौराणिक विधि-विधान से सोलन में मां शूलिनी का अपनी बहन दुर्गा से मिलन हो ही गया.

वीडियो रिपोर्ट.

प्राचीन परंपराएं संजोए है सोलन का 200 साल पुराना शूलिनी मेला

देवभूमि हिमाचल प्रदेश में मनाए जाने वाले पारंपरिक एवं प्रसिद्ध मेलों में माता शूलिनी का मेला भी प्रमुख स्थान रखता है. बदलते परिवेश के बावजूद यह मेला अपने प्राचीन परंपरा को संजोए हुए हैं. मेले का इतिहास बघाट रियासत से जुड़ा है. माता शूलिनी बघाट रियासत के शासकों की कुलश्रेष्ठा देवी मानी जाती है. वर्तमान में माता शूलिनी का मंदिर सोलन शहर के दक्षिण में विद्यमान है.

फोटो.

इस मंदिर में माता शूलिनी के अतिरिक्त शिरगुल देवता, माली देवता इत्यादि की प्रतिमाए भी मौजूद है. पौराणिक कथाओं के अनुसार माता शूलिनी सात बहनों में से एक है अन्य बहने हिंगलाज देवी, जेठी ज्वाला जी,लुगासना देवी, नैना देवी और तारा देवी के नाम से विख्यात है.

फोटो.

माता शूलिनी के नाम से ही हुआ है सोलन शहर का नामकरण

माता शूलिनी देवी (Mata Shoolini Devi) के नाम से ही सोलन शहर का नामकरण हुआ था जो कि मां शूलिनी की अपार कृपा से दिन प्रतिदिन समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहा है. सोलन नगर बघाट रियासत की राजधानी हुआ करती थी इस रियासत की नींव राजा बिजली देव ने रखी थी.

फोटो.

12 घाटों से मिलकर बनने वाली बघाट रियासत का क्षेत्रफल 36 वर्ग मील में फैला हुआ था. इस रियासत के प्रारंभ में राजधानी जौनाजी तदोपरांत कोटि और बाद में सोलन बनी. राजा दुर्गा सिंह इस रियासत के अंतिम शासक थे. रियासत के विभिन्न शासकों के काल से ही माता शूलिनी देवी का मेला लगता आ रहा है. जनश्रुति के अनुसार बघाट रियासत के शासक अपनी कुलश्रेष्ठा के प्रसन्नता के लिए मेले का आयोजन करते थे.

ये भी पढ़ें-मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए केजरीवाल इतना गिर जाएंगे पता नहीं था: अनुराग ठाकुर

Last Updated : Jun 27, 2021, 7:15 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details