सोलनःअगर आप सोलन बाजार जाने का प्लान बना रहे तो आपको वक्त से पहले निकलना होगा. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जिला सोलन में लगने वाला जाम आपको आपके गंतव्य तक पहुंचने में देरी करवा सकता है.
हिमाचल के दक्षिण में फैला सोलन प्रदेश को अन्य राज्यों के साथ जोड़ता है. वैसे तो हिमाचल प्रदेश के प्रवेशद्वार परवाणू से शिमला तक फोरलेन का कार्य चल रहा है, लेकिन शहर के अंदर भी जाम की समस्या अब आम होती जा रही है. देश-विदेश से सैलानी हर साल यहां घूमने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इन दिनों सैलानियों और स्थानियों को लोगों को जहां ट्रैफिक जाम की स्थिति से दो-चार होना पड़ रहा है.
डेस्टीनेशन पर पहुंचने में होती है देरी
सोलन में वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में अव्यवस्था से शहर में ट्रैफिक जाम लग जाता है. जाम के कारण लोगों को अपनी डेस्टीनेशन पर पहुंचने में देरी तो होती ही है. साथ ही फ्यूल ज्यादा इस्तेमाल होने से प्रदूषण भी बढ़ता है.
सोलन शहर के अलग-अलग हिस्से में पहुंचने के लिए सड़कें तो हैं, लेकिन पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने के चलते जाम देखने को मिलता है. लोग अपने वाहनों से बाजार का रुख करते हैं और जहां मन चाहा गाड़ी पार्क कर देते हैं. एक की देखादेखी दूसरा भी पार्क कर देता है और गाड़ियों की लंबी कतार बन जाती है.
क्या कहते हैं रेहड़ी-फड़ी धारक
शहर में जाम की समस्या के लिए लोग पार्किंग की व्यवस्था न होने के साथ ही रेहड़ी-फड़ी धारकों को जिम्मेदार बता रहे हैं. उधर, रेहड़ी-फड़ी धारकों का कहना है कि वे अपने गुजर-बसर के लिए इसी काम पर निर्भर हैं. वे कई बार प्रशासन से अलग से जगह दिए जाने की मांग दोहरा चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई भी जगह नहीं मिली है. ऐसे में वे सड़क किनारे ही बैठने को मजबूर हैं.
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